Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बुधवार को बादल फटने से भीषण तबाही हुई है। चशोती क्षेत्र में मचैल मंदिर मार्ग पर आई इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
क्या हुआ था हादसा?
मचैल मंदिर जाने वाले मार्ग पर अचानक बादल फटने से भारी मात्रा में पानी बह निकला। इससे श्रद्धालुओं के टेंट बह गए और कई वाहन पानी में बहने लगे। स्थानीय प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। एनडीआरएफ की दो टीमों को मौके पर भेजा गया है।
राजनीतिक नेताओं ने की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “बचाव कार्यों के लिए सभी संभव संसाधन जुटाए जा रहे हैं।” वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार राज्य के लोगों के साथ खड़ी है।
एनडीआरएफ की टीमें पहुंचीं
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने उधमपुर बेस से 180 सदस्यों वाली दो टीमें रवाना की हैं। ये टीमें आधुनिक उपकरणों से लैस हैं और बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। स्थानीय प्रशासन ने आपदा प्रबंधन की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
मचैल मंदिर का महत्व
मचैल माता मंदिर किश्तवाड़ जिले के मचैल गांव में स्थित है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है और हिंदू श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। हर साल हजारों भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं।
प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र में राहत शिविर स्थापित किए हैं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मौसम विभाग ने और बारिश की चेतावनी जारी की है, जिसके चलते बचाव कार्य में तेजी लाई जा रही है।
