Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के अनुसार उन्होंने किश्तवाड़ में हुई मौतों, वैष्णो देवी भगदड़ और जम्मू बाढ़ प्रबंधन में लापरवाही की जिम्मेदारी लेते हुए यह कदम उठाया। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज दिया है।
चसोती त्रासदी की पृष्ठभूमि
किश्तवाड़ के चसोती गांव में हाल में भूस्खलन और बादल फटने की घटना हुई। इस घटना में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की मौत हो गई। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन पर पहले से चेतावनी के बावजूद कार्रवाई न करने का आरोप लगाया था। यह घटना प्रशासनिक लापरवाही का एक बड़ा उदाहरण बनी।
वैष्णो देवी भगदड़ की घटना
माता वैष्णो देवी यात्रा पर भारी भीड़ और खराब प्रबंधन के कारण भगदड़ मच गई। इस घटना में चार श्रद्धालुओं की मौत हुई और दर्जनों घायल हो गए। सीसीटीवी फुटेज में प्रशासनिक तैयारियों की कमी स्पष्ट देखी गई। इस घटना ने सुरक्षा प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए।
जम्मू बाढ़ प्रबंधन में खामियां
जम्मू शहर और आसपास के इलाकों में आई भीषण बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। नालों की सफाई न होना और राहत कार्यों में देरी ने स्थिति को गंभीर बना दिया। एनडीएमए के साथ समन्वय की कमी ने संकट को और बढ़ाया। इन सभी घटनाओं ने प्रशासन पर सवाल खड़े किए।
मनोज सिन्हा का कार्यकाल
मनोज सिन्हा ने 7 अगस्त 2020 को उपराज्यपाल का पदभार संभाला था। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत उनकी नियुक्ति हुई थी। इस अधिनियम में उपराज्यपाल के कार्यकाल की कोई निश्चित अवधि नहीं है। वे इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले राजनेता थे।
राजनीतिक अनुभव
मनोज सिन्हा तीन बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं। उन्होंने केंद्र सरकार में रेल और संचार मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली थी। जम्मू-कश्मीर में उनके पास व्यापक प्रशासनिक अधिकार थे। इन अधिकारों में अखिल भारतीय सेवाओं और गृह विभाग का नियंत्रण शामिल था।
