Jammu & Kashmir News: काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर ने ऑनलाइन आतंकी नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। रविवार को हुई इस कार्रवाई में नौ संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें एक महिला भी शामिल है। यह अभियान श्रीनगर, कुलगाम, बारामुला, शोपियां और पुलवामा के दस अलग-अलग स्थानों पर चलाया गया।
इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को पकड़ना था जो सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे थे। ये लोग आतंकवाद को बढ़ावा देने, हिंसा भड़काने और युवाओं को गलत रास्ते पर ले जाने का काम कर रहे थे। सुरक्षा एजेंसियों को इस बारे में विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली थी। इसके बाद ही यह बड़ा अभियान चलाया गया।
कैसे हुई कार्रवाई?
सीआईके की टीमों ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से एक साथ कई स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई सुबह से शुरू हुई और कई घंटों तक चली। संदिग्धों पर हिंसा भड़काने और राष्ट्रविरोधी प्रचार फैलाने के आरोप हैं। वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल सांप्रदायिक घृणा फैलाने के लिए कर रहे थे। इससे क्षेत्र में तनाव पैदा हो रहा था।
गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है। इनमें से कुछ युवा छात्र भी बताए जा रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ये लोग एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हैं। यह नेटवर्क सीमा पार से संचालित हो रहा था। इस कार्रवाई से इस नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।
क्या बरामद हुआ?
छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए गए हैं। इनमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड, टैबलेट और अन्य डिजिटल उपकरण शामिल हैं। इन उपकरणों की फॉरेंसिक जांच की जाएगी। इस जांच से और महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है। यह जानकारी भविष्य में होने वाली कार्रवाइयों के लिए मार्गदर्शन करेगी।
जब्त किए गए सबूतों से पता चलता है कि संदिग्ध सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को भ्रमित कर रहे थे। वे आतंकवादी विचारधारा को आकर्षक बना कर पेश कर रहे थे। उनकी रणनीति में झूठी खबरें फैलाना और सरकार के खिलाफ नफरत पैदा करना शामिल था। इससे युवाओं को गुमराह किया जा रहा था।
सुरक्षा एजेंसियों की चिंता
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि ऑनलाइन आतंकवाद एक बड़ी चुनौती बन गया है। यह पारंपरिक आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए आतंकी संगठन सीधे युवाओं तक पहुंच बना रहे हैं। वे उन्हें भड़काऊ संदेशों और वीडियो के जरिए प्रभावित कर रहे हैं।
सीआईके ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केवल शुरुआत है। आने वाले दिनों में और अधिक छापेमारी और गिरफ्तारियां की जाएंगी। एजेंसी का मुख्य लक्ष्य कश्मीर के युवाओं को आतंकी प्रभाव से बचाना है। साथ ही घाटी में शांति और स्थिरता बनाए रखना है।
इस कार्रवाई को डिजिटल आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। यह दर्शाता है कि सुरक्षा बलों ने ऑनलाइन खतरों से निपटने की अपनी क्षमता में सुधार किया है। वे अब पहले से ज्यादा सतर्क और सक्रिय हो गए हैं। इससे आम जनता में सुरक्षा की भावना बढ़ी है।
क्षेत्र के निवासियों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका कहना है कि ऐसे तत्व समाज के लिए खतरा हैं। इनकी गिरफ्तारी से सामान्य जीवन सुरक्षित होगा। लोगों ने सुरक्षा बलों के इस कदम की सराहना की है। उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी।
