शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

जम्मू-कश्मीर: LoC के पास सेना ने पाकिस्तानी महिला को किया गिरफ्तार, घुसपैठ की कई कोशिशें हुईं नाकाम

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Jammu & Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा के नजदीक एक पाकिस्तानी महिला को गिरफ्तार किया है। इस महिला की पहचान शहनाज़ अख्तर के रूप में हुई है। वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के कोटली जिले की रहने वाली है। सेना ने उसे पुंछ जिले के बालाकोट सेक्टर में हिरासत में लिया।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार यह महिला पारिवारिक विवाद के कारण सीमा पार कर आई हो सकती है। फिलहाल उसे सेना की हिरासत में रखा गया है। आगे की जांच के लिए उसे स्थानीय पुलिस को सौंप दिया जाएगा। यह घटना नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा स्थिति को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई है।

प्रगवाल में घुसपैठ की साजिश नाकाम

कुछ दिन पहलेबीएसएफ ने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक बड़ी घुसपैठ की साजिश को विफल किया था। जम्मू के प्रगवाल सेक्टर में सुरक्षा बलों ने एक संदिग्ध आतंकवादी को गिरफ्तार किया। उसके पास से चीन में निर्मित हथियार बरामद हुए थे। उस पर जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े होने का संदेह है।

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पुराने आतंकवादी कमांडरों को वापस भेजने की कोशिश कर रही है। ये कमांडर कई साल पहले जम्मू-कश्मीर से पाकिस्तान भाग गए थे। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हाल ही में कहा था कि पाकिस्तानी इलाके में आतंकवादी लॉन्च पैड फिर से सक्रिय हो गए हैं।

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नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा बलों की सक्रियता

सितंबर महीनेमें कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में घुसपैठ की एक कोशिश को विफल किया गया था। सुरक्षा बल लगातार नियंत्रण रेखा पर नजर बनाए हुए हैं। घुसपैठ की ज्यादातर कोशिशें पुंछ, राजौरी, कुपवाड़ा और उरी जैसे इलाकों में होती हैं। इन क्षेत्रों की भौगोलिक बनावट घुसपैठ के प्रयासों के लिए अनुकूल मानी जाती है।

सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद से घुसपैठ की कोशिशों पर काफी अंकुश लगाया है। बीएसएफ के अनुसार इस साल कश्मीर घाटी में घुसपैठ की केवल चार कोशिशें हुईं। इनमें आठ आतंकवादी मारे गए और सभी कोशिशें नाकाम कर दी गईं। यह आंकड़े सुरक्षा बलों की कार्यकुशलता को दर्शाते हैं।

पहलगाम हमले के बाद से तनाव बरकरार

पहलगाम मेंहुए आतंकवादी हमले के बाद से नियंत्रण रेखा पर तनाव बना हुआ है। इस हमले ने सुरक्षा व्यवस्था पर नए सिरे से सवाल खड़े कर दिए थे। हालांकि, सुरक्षा बलों ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। उनकी निगरानी और तैनाती में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

सीमा सुरक्षा बल लगातार नई तकनीक और रणनीति का इस्तेमाल कर रहा है। ड्रोन और नाइट विजन डिवाइस जैसे उपकरणों से सीमा की निगरानी की जा रही है। सीमा पर बाड़ लगाने के काम में भी तेजी लाई गई है। इन सभी उपायों का उद्देश्य घुसपैठ को पूरी तरह रोकना है।

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स्थानीय निवासियों से सहयोग की अपील

सुरक्षाएजेंसियों ने सीमावर्ती इलाकों के निवासियों से सहयोग की अपील की है। उनसे कहा गया है कि कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखाई देने पर तुरंत सूचना दें। स्थानीय लोगों का सहयोग सुरक्षा बलों के लिए बहुत मददगार साबित होता है। उनकी जानकारी से कई बार बड़ी घटनाओं को टाला जा सकता है।

सीमावर्ती गांवों में निवासियों के लिए विशेष सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में उन्हें सुरक्षा संबंधी बुनियादी बातें सिखाई जाती हैं। साथ ही, आपातकालीन स्थिति में कैसे व्यवहार करना चाहिए, इसकी जानकारी दी जाती है। यह पहल स्थानीय समुदाय और सुरक्षा बलों के बीच विश्वास बढ़ाने में मदद कर रही है।

घुसपैठ रोकने के लिए तकनीकी उपाय

सीमासुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई तकनीकी उपाय किए जा रहे हैं। सीमा पर स्मार्ट फेंसिंग सिस्टम लगाया जा रहा है। यह सिस्टम किसी भी अतिक्रमण का पता तुरंत लगा लेता है। इसके अलावा, ग्राउंड सेंसर और सर्विलांस कैमरों का जाल बिछाया जा रहा है।

हवाई निगरानी के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का नियमित इस्तेमाल किया जा रहा है। इनसे सीमा के दुर्गम इलाकों पर भी नजर रखी जा सकती है। सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करके एक केंद्रीकृत निगरानी प्रणाली विकसित की जा रही है। इससे सीमा पर होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखना आसान होगा।

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