Mandi News: पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मंडी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर सत्ता संचालन अस्त-व्यस्त हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू संदिग्ध अधिकारियों के हाथों की कठपुतली बनकर रह गए हैं।
जयराम ठाकुर ने दावा किया कि जिन अधिकारियों की ईमानदारी पर सवाल उठते रहे हैं, उन्हीं से व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर गलत काम करवाए गए। उन्होंने बताया कि इन अधिकारियों के पास सरकार के बहुत बड़े राज हैं इसलिए मुख्यमंत्री न तो उन्हें दायित्व दे पा रहे हैं और न ही हटा पा रहे हैं। इस स्थिति में सरकार के मुख्य सचिव और डीजीपी का पद अस्थाई तौर पर चल रहा है।
एफआईआर करने की सनक पर सवाल
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार को एफआईआर करने की सनक सवार हो गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री होते हुए भी वह छोटे दिलवाले छुटभैया नेताओं के चंगुल में फंस गए हैं। सरकार की नाकामी के खिलाफ आवाज उठाने वालों के खिलाफ तुरंत मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है।
उन्होंने एक ताजा उदाहरण देते हुए बताया कि बच्चों पर भी एफआईआर दर्ज की गई। कारण सिर्फ इतना था कि उन्होंने खाना न मिलने की शिकायत की थी। बच्चियों को घंटों धूप में बैठाया गया और जब उन्होंने विरोध किया तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया। इसी तरह पत्रकारों और विपक्षी नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट का आरोप
नेता प्रतिपक्ष ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसंपर्क विभाग द्वारा फेक अकाउंट बनाकर उनके खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रोजाना तीन से चार पोस्ट डालकर उनकी व्यक्तिगत छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि वह सारा रिकॉर्ड इकट्ठा कर रहे हैं और मामले को कोर्ट ले जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार की योजनाओं का प्रचार करने के बजाय विपक्ष की छवि खराब करने पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पार्टी बनाने पर भी विचार करने की बात कही।
आपदा राहत में गड़बड़ी के आरोप
जयराम ठाकुर ने आपदा राहत कार्यों में बड़े घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आपदा के बाद हिमाचल प्रदेश के लोगों को सरकार ने मरने के लिए छोड़ दिया है। प्रदेश में सैकड़ों सड़कें बंद पड़ी हैं और पेयजल परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि जिन परिवारों ने अपने घर खो दिए हैं, वे अभी भी शटरों में या रिश्तेदारों के घरों में रह रहे हैं। उनके लिए तैयार योजना पर कार्य नहीं हो रहा है। अस्थाई व्यवस्था अब तक जमीन पर नहीं उतरी है। जबकि केंद्र सरकार से लगातार मदद मिल रही है।
राहत राशि के गायब होने का दावा
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई 5500 करोड़ रुपए की धनराशि में से केवल 300 करोड़ रुपए ही प्रभावितों तक पहुंचे हैं। बाकी पैसे का सरकार के पास कोई हिसाब नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1500 करोड़ के विशेष पैकेज की स्वीकृति दी गई थी।
उन्होंने दावा किया कि सरकार इस पैसे को आपदा प्रभावितों को देने की बजाय सरकार चलाने में खर्च करना चाहती है। जयराम ठाकुर ने स्पष्ट किया कि आपदा प्रभावितों के लिए आया पैसा केवल उन्हीं को दिया जाएगा और सरकार उसे अपनी मर्जी से खर्च नहीं कर पाएगी।
सराज क्षेत्र में सड़क निर्माण पर विवाद
जयराम ठाकुर ने सराज विधानसभा क्षेत्र के रूसाड़ागाड़ की सड़क को लेकर सरकार की आलोचना की। उन्होंने बताया कि यह सड़क 15 साल पहले बनी थी और आपदा में बह गई थी। सरकार इसके पुनर्निर्माण से रोक रही है जबकि हाई कोर्ट के निर्देश स्पष्ट हैं।
उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर सड़क बनने से सरकार रोक रही है, वहां तीन जिंदगियां दफन हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार की संवेदना और नैतिकता भी मर गई है। जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार और उसके लोग आपदा को लूट का अवसर बना रहे हैं।
