Himachal News: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा अटल आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय को नेरचौक से सरकाघाट स्थानांतरित करने की घोषणा पर राजनीतिक बहस छिड़ गई है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस फैसले को सरकार की संकीर्ण सोच बताते हुए आलोचना की है।
भाजपा ने किया विरोध
जयराम ठाकुर ने कहा कि अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी पिछले आठ वर्षों से सफलतापूर्वक संचालित हो रही थी। भाजपा सरकार के दौरान इसका प्रबंधन सुचारू रूप से चल रहा था। लेकिन वर्तमान कांग्रेस सरकार अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि संस्थान के साथ आगे क्या करना है।
उन्होंने बताया कि पहले इसे हमीरपर शिफ्ट करने की चर्चा थी और अब सरकाघाट का नाम सामने आया है। इससे स्पष्ट है कि सरकार चिकित्सा शिक्षा को स्थिर दिशा देने में विफल रही है।
सरकार पर लगे आरोप
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार का आधा कार्यकाल बीत चुका है, लेकिन नई परियोजनाएं शुरू करने और उन्हें समय पर पूरा करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का मुख्य एजेंडा चल रहे संस्थानों को बंद करना, स्वीकृत बजट वापस लेना और कार्यों को ठप करना है।
ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय पर्व पर सरकार को जनता को विकास की नई सौगात देनी चाहिए थी। लेकिन इसके बजाय जनता को भ्रम और अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
विरोध के पीछे की वजह
भाजपा नेता ने बताया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी के बार-बार स्थान परिवर्तन से छात्रों और शिक्षकों को परेशानी हो रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार ने इस फैसले से पहले संबंधित हितधारकों से विचार-विमर्श किया था।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार को ऐसे महत्वपूर्ण निर्णयों में पारदर्शिता बरतनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि सरकार इस मामले में अपनी योजनाओं को स्पष्ट करे और शैक्षणिक सत्र प्रभावित न होने दे।
