Shimla News: भारतीय जनता पार्टी के नेता जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश की आपदा राहत के लिए भरपूर मदद दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं आपदा के समय प्रदेश आए थे और तत्काल 1500 करोड़ रुपये का पैकेज दिया था।
सुंदरनगर में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान जयराम ठाकुर ने यह बात कही। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा दी गई सहायता का विवरण भी साझा किया। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी के दौरे के एक दिन बाद ही एनडीआरएफ और एफडीआरएफ ने 205 करोड़ रुपये अग्रिम भुगतान के रूप में जारी किए थे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों से मलबा हटाने और सड़कों की मरम्मत के लिए तुरंत 200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि उपलब्ध कराई है। इसके अलावा सात केंद्रीय मंत्री हिमाचल प्रदेश का दौरा कर चुके हैं और नुकसान का आकलन कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने सवाल उठाया कि इतना बड़ा धनराशि मिलने के बाद भी हिमाचल प्रदेश में स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। उन्होंने पूछा कि केंद्र द्वारा दिया गया यह सारा पैसा कहां जा रहा है। आपदा के एक साल बाद भी हालात वैसे के वैसे बने हुए हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार को निम्न स्तर की राजनीति से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश की मदद के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। केंद्र द्वारा दी जा रही मदद का पूरा लाभ प्रभावितों तक पहुंचना चाहिए।
पत्रकारों के सवालों के जवाब में जयराम ठाकुर ने एरिया स्पेसिफिक बजट के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसका मतलब है कि जिन क्षेत्रों और परियोजनाओं को नुकसान हुआ है, वहां केंद्र द्वारा भेजा गया धन खर्च किया जाएगा। इससे प्रभावित लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।
जयराम ठाकुर ने एक महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों के दौरे के दौरान प्रदेश सरकार के मंत्री और अधिकारी साथ नहीं आए। उन्होंने इस स्थिति को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस कार्यक्रम में स्थानीय विधायकों ने भी भाग लिया।
इस पत्रकार वार्ता में सुंदरनगर के विधायक राकेश जमवाल उपस्थित थे। नाचन के विधायक विनोद कुमार ने भी इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सरकाघाट के विधायक दिलीप ठाकुर भी इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल हुए।
जयराम ठाकुर ने फिर से जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के पुनर्निर्माण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस धनराशि का सही उपयोग सुनिश्चित करे। लोगों तक राहत पहुंचाना सबसे महत्वपूर्ण कार्य है।
उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में पारदर्शिता बहुत जरूरी है। प्रदेशवासियों को यह जानने का अधिकार है कि उनके लिए आई राहत राशि का उपयोग कैसे किया जा रहा है। सरकार को इस बारे में पूरी जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए।
