Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य सरकार पर स्कूल बंद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार ने 28 स्कूलों का दर्जा घटाने का फैसला किया है। जयराम ठाकुर ने इस निर्णय को शिक्षा व्यवस्था पर सीधा हमला बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पिछले बयानों को याद दिलाया।
मुख्यमंत्री के बयान और कार्यों में अंतर
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 48 घंटे पहले स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा अनावरण में कहा था। उन्होंने कहा था कि वीरभद्र सिंह ने एक बच्चे के लिए भी स्कूल खोला था। लेकिन अब उनकी ही सरकार स्कूलों पर ताले लगा रही है। यह विरोधाभासी स्थिति है। सरकार को छात्रों की घटती संख्या की चिंता करनी चाहिए।
स्कूल बंद करने के आंकड़े
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि सुक्खू सरकार ने 1038 दिनों में 1448 स्कूल बंद किए हैं। इस तरह हर दो दिन में तीन स्कूलों पर ताला लगाया गया। उन्होंने इसे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करार दिया। जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि प्रदेश तीन साल में तीस साल पीछे चला गया है। नीतियों के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई।
शिक्षकों को हटाने की रणनीति
जयराम ठाकुर ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार पहले स्कूलों से अध्यापकों को हटाती है। इससे अफरा-तफरी का माहौल बनता है। अभिभावक बच्चों का दाखिला नहीं करवाते। फिर कम छात्र संख्या का हवाला देकर स्कूल बंद कर दिए जाते हैं। उन्होंने इसे आपराधिक साजिश बताया। सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।
रोजगार छीनने के आंकड़े
नेता प्रतिपक्ष ने रोजगार के आंकड़े भी पेश किए। उन्होंने बताया कि अब तक 15,000 से अधिक लोगों से रोजगार छीना जा चुका है। इस तरह हर दिन 15 लोगों की नौकरी छिन रही है। उन्होंने सरकार पर झूठ बोलने और रोजगार छीनने में अव्वल होने का आरोप लगाया। यह स्थिति चिंताजनक है।
एचआरटीसी और सरकारी अस्थिरता
जयराम ठाकुर ने एचआरटीसी के प्रबंधन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि क्या एचआरटीसी का प्रबंध सही हाथों में नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच तालमेल की कमी का जिक्र किया। इस कारण सरकार अस्थिर दिख रही है। जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
संगठन की बैठक और भविष्य की रणनीति
जयराम ठाकुर ने सराज क्षेत्र के बगस्याड़ में तीन मंडलों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में संगठन को सशक्त बनाने पर चर्चा हुई। आगामी कार्यक्रमों और जनसंपर्क अभियानों की योजना बनी। कार्यकर्ताओं से प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को धरातल पर उतारने का आह्वान किया गया। सेवा, संगठन और सुशासन पर जोर दिया गया।
