Lahaul News: पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लाहौल घाटी में आपदा प्रभावितों की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। बुधवार को उन्होंने लाहौल के विभिन्न आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और प्रभावित लोगों से मुलाकात की। इस दौरान वह किसानों के खेतों में भी गए जहां गोभी की फसल खराब होने से लाखों का नुकसान हुआ है।
जयराम ठाकुर ने बताया कि लाहौल में गोभी और मटर की बंपर फसल हुई थी। लेकिन आपदा में सड़कें बंद होने के कारण फसल बाजार तक नहीं पहुंच पाई। अब फसल खेतों में ही सड़ रही है। इससे पूरे क्षेत्र में महामारी फैलने का खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने सरकार से तत्काल राहत कार्य शुरू करने की मांग की।
प्रभावित गांवों की स्थिति
जयराम ठाकुर ने शाशिन, कोकसर, सिस्सू, तेलिंग और ट्रिलिंग जैसे क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने यांगला, गोंदला, तांदी संगम घाट और लिंडूर के लोगों से भी मुलाकात की। लिंडूर गांव में जमीन धंसने की समस्या गंभीर हो गई है। पूरे गांव के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। हालिम गांव में 45 घरों की जमीन बह गई है।
किसानों और बागवानों को हुए नुकसान पर चर्चा की गई। जयराम ठाकुर ने बताया कि 50 बीघा से अधिक जमीन बह चुकी है। इस दौरान उन्होंने लाहौल घाटी के आराध्य राजा घेपन के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने प्रदेश के कल्याण की प्रार्थना भी की। संगठन मंत्री सिद्धार्थन और पूर्व विधायक रवि ठाकुर भी इस दौरे में शामिल थे।
केंद्र सरकार की सहायता पर बयान
जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने आपदा राहत के लिए पर्याप्त धनराशि भेजी है। सुक्खू सरकार को आपदा प्रबंधन के लिए 5500 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मिल चुकी है। प्रधानमंत्री ने स्वयं आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। उन्होंने हिमाचल को 1500 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार राहत राशि का सही उपयोग नहीं कर रही है। आपदा प्रभावितों को धनराशि देने के बजाय सरकार इसे अन्य कार्यों में खर्च कर रही है। इस मौके पर अखिलेश कपूर और सुरेश शर्मा जैसे नेता भी मौजूद थे। सभी ने सरकार से त्वरित राहत कार्य शुरू करने की मांग की।
