Political News: राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के व्यवहार पर अपनी राय साझा की है। एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि धनखड़ महिला सांसदों के प्रति अभद्र नहीं थे, बल्कि उन्होंने महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए कई पहल कीं।
महिला सशक्तिकरण में योगदान
चतुर्वेदी ने बताया कि धनखड़ ने महिला सांसदों को सभापति की कुर्सी पर बैठाकर अनुभव लेने का अवसर दिया। उन्होंने कहा, “यह 50% आरक्षण जैसा ही था। वह अक्सर कहते थे कि मेरी एक बेटी है, इसलिए मैं समझता हूं कि महिलाओं को आगे बढ़ने की जरूरत क्यों है।”
वैंकेया नायडू से तुलना
शिवसेना सांसद ने धनखड़ के कार्यकाल की पूर्व उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू से तुलना करते हुए कहा, “नायडू जी मुद्दे की बात करने वालों को अधिक समय देते थे, लेकिन धनखड़ जी तीन मिनट के भाषण में भी बार-बार रोक देते थे।” उन्होंने यह भी बताया कि धनखड़ अक्सर सवालों का जवाब देने के बजाय चेंबर में बात करने को कहते थे।
नाम को लेकर विवाद
चतुर्वेदी ने जया बच्चन के साथ हुए विवाद का जिक्र करते हुए बताया कि धनखड़ उन्हें “जया अमिताभ बच्चन” कहकर बुलाते थे। जब चतुर्वेदी ने अपने नाम “प्रियंका विक्रम चतुर्वेदी” के साथ बुलाने का अनुरोध किया, तो धनखड़ ने मान तो लिया, लेकिन व्यवहार में बदलाव नहीं किया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि धनखड़ का कार्यकाल विवादों से भरा रहा, लेकिन महिला सशक्तिकरण के मामले में उनकी पहल सराहनीय थी। अब जब वह पद से हट चुके हैं, तो उनके कार्यकाल का मूल्यांकन किया जा रहा है।
