Uttar Pradesh News: जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने मथुरा-वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज पर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने प्रेमानंद महाराज को चमत्कारी मानने से इनकार करते हुए एक खुली चुनौती दी है। रामभद्राचार्य ने कहा कि यदि प्रेमानंद महाराज वास्तव में चमत्कारी हैं तो वे उनके सामने संस्कृत बोलकर दिखाएं।
एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में दिया बयान
रामभद्राचार्य ने एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में यह टिप्पणी की। उन्होंने प्रेमानंद महाराज की लोकप्रियता को ‘क्षणभंगुर’ बताया। उनका कहना था कि आजकल लोग भजनों से प्रभावित हो जाते हैं। लेकिन इससे किसी को चमत्कारी नहीं कहा जा सकता।
संस्कृत श्लोक की चुनौती
जगद्गुरु ने एक सीधी चुनौती देते हुए कहा कि प्रेमानंद महाराज उनके द्वारा बोले गए किसी भी संस्कृत श्लोक का हिंदी में अर्थ समझा दें। उन्होंने स्पष्ट किया कि चमत्कार वही है जो शास्त्रों की चर्चा में निपुण हो। उनके अनुसार असली चमत्कार श्लोकों का स्पष्ट अर्थ बता सकना है।
व्यक्तिगत द्वेष से इनकार
रामभद्राचार्य ने यह स्पष्ट करना भी जरूरी समझा कि उनका प्रेमानंद महाराज से कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके मन में प्रेमानंद जी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है। हालांकि, वे उन्हें एक विद्वान या चमत्कारी पुरुष के रूप में स्वीकार नहीं कर सकते।
प्रेमानंद महाराज की लोकप्रियता
प्रेमानंद महाराज मथुरा-वृंदावन क्षेत्र में एक प्रमुख आध्यात्मिक व्यक्तित्व हैं। गंभीर किडनी रोग से पीड़ित होने के बावजूद वह लगातार 19 वर्षों से नियमित रूप से परिक्रमा करते हैं। उनकी भक्ति और तपस्या के कारण लाखों श्रद्धालु उन पर अगाध श्रद्धा रखते हैं।
