शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

जबलपुर हंगामा: एससी-एसटी ओबीसी सम्मेलन में संविधान की किताब फाड़े जाने से भड़का विवाद

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Madhya Pradesh News: जबलपुर के मानस भवन में आयोजित एससी-एसटी ओबीसी महासम्मेलन में रविवार को बड़ा हंगामा हुआ। आरोप है कि कुछ युवकों ने कार्यक्रम स्थल पर लगे एक बुक स्टॉल से संविधान की किताब फाड़ दी। इस घटना के बाद मौजूद लोगों का आक्रोश फूट पड़ा और भीड़ ने आरोपियों की जमकर पिटाई की। पुलिस ने हंगामा करने वाले दो युवकों को हिरासत में ले लिया है। घटना ने शहर में एक नए राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है।

मामले ने तब और तूल पकड़ा जब कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने पुलिस और प्रशासन पर संघी विचारधारा के लोगों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संविधान की किताब फाड़ने वालों पर कार्रवाई करने की बजाय पुलिस स्टॉल लगाने वाले से लाइसेंस पूछ रही थी। विधायक ने यह भी सवाल किया कि क्या अब संविधान की किताब बेचने के लिए भी लाइसेंस लेना जरूरी हो गया है।

हिंदू संगठनों ने लगाए हिंदू विरोधी किताबों के होने के आरोप

वहीं दूसरी ओर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों ने इस घटना का एक अलग ही पक्ष पेश किया। उनके प्रतिनिधि सुमित ठाकुर ने आरोप लगाया कि कार्यक्रम स्थल पर हिंदू विरोधी और सनातन धर्म के देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक सामग्री वाली किताबें बेची जा रही थीं। उन्होंने दावा किया कि उनके कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण ढंग से इसका विरोध किया तो आयोजकों ने उनके साथ मारपीट की। हिंदू संगठनों ने पुलिस को ज्ञापन देकर मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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मंच पर चढ़कर किया विरोध

घटना की जानकारी मिलते ही कार्यक्रम स्थल पर मौजूद लोग भड़क उठे। भीड़ ने हंगामा करने वाले युवकों को घेर लिया और उनकी जमकर पिटाई की। आरोप है कि युवक मंच पर चढ़ गए थे और वहां से विरोध प्रदर्शन करने लगे। कुछ eyewitnesses का कहना है कि मदनमहल पुलिस थाने के अधिकारी घटना के वक्त मौजूद थे। एक वीडियो में देखा जा सकता है जहां भीड़ एक युवक को पीट रही है और बाद में लोगों को बाहर की ओर भागते हुए दिखाया गया है।

विरोध प्रदर्शन और जबलपुर बंद की चेतावनी

घटना की खबर फैलते ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता मानस भवन पहुंच गए। उन्होंने स्टॉल पर हिंदू विरोधी किताबें मिलने के आरोप लगाए। हिंदू संगठनों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया और पुलिस को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मारपीट करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे जबलपुर बंद का आह्वान कर सकते हैं।

पुलिस ने लोगों को शांत करने का किया प्रयास

तनाव भरी स्थिति को देखते हुए पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया। पुलिस ने हंगामा करने वाले दोनों युवकों को हिरासत में ले लिया। भीड़ को शांत कराने का प्रयास किया गया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पर्याप्त बल तैनात किया। घटना की जांच जारी है और दोनों पक्षों के आरोपों की जांच की जा रही है। फिलहाल शहर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

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आयोजकों ने बताया शांतिपूर्ण कार्यक्रम

कार्यक्रम के आयोजक कुशवाहा जन जागृति एवं विकास समिति ने इस घटना पर अफसोस जताया। समिति के एक प्रतिनिधि ने बताया कि कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण था। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ बाहरी तत्वों ने जानबूझकर हंगामा खड़ा किया। आयोजकों का कहना है कि स्टॉल पर संविधान की किताबें और ऐतिहासिक ग्रंथ रखे गए थे। ये सभी सामग्री धम्म विजय के संदर्भ में थी। उन्होंने धार्मिक सद्भाव बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप जारी

पूर्व कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने इस घटना को मनुवादी ताकतों का षड्यंत्र बताया। उन्होंने कहा कि ये ताकतें दूसरे वर्गों को उनके अधिकारों से वंचित करना चाहती हैं। उन्होंने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। विधायक ने कहा कि इस घटना को किसी राजनीतिक रंग में नहीं रंगना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से घटना की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की।

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