शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

ITR Refund: विभाग ने बताई देरी की वजह, जानें कैसे मिलेगा जल्दी पैसा

Share

New Delhi News: आयकर विभाग ने इस साल आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी थी। लेकिन करदाताओं को रिफंड पाने में अभी भी देरी हो रही है। हजारों लोगों ने शिकायत की है कि रिटर्न दाखिल करने के सप्ताह बीत जाने के बाद भी उनके खाते में रिफंड नहीं आया। विभाग ने अब इस देरी के कारणों को स्पष्ट किया है।

रिफंड में देरी के पीछे कई तकनीकी कारण हैं। पैन और आधार विवरण में असंगति एक प्रमुख कारण है। गलत बैंक खाता विवरण या अमान्य IFSC कोड भी समस्या पैदा करते हैं। बंद किए गए बैंक खाते की जानकारी देना भी एक आम गलती है। TDS के आंकड़ों में विसंगति होने पर भी सत्यापन प्रक्रिया में देरी होती है।

यह भी पढ़ें:  GST Council Meeting Update: GST काउंसिल की बैठक में हुआ बड़ा फैसला! जानें किनको मिली बड़ी राहत

बड़े रिफंड में अधिक देरी

कर विशेषज्ञोंके अनुसार 50,000 रुपये से अधिक के रिफंड में सबसे अधिक देरी हो रही है। आयकर नियमों के अनुसार रिफंड की कोई निर्धारित सीमा नहीं है। लेकिन बड़ी राशियों के मामलों में विस्तृत जांच की आवश्यकता होती है। इस अतिरिक्त सत्यापन प्रक्रिया के कारण समय अधिक लगता है। छोटे रिफंड अपेक्षाकृत जल्दी प्राप्त हो जाते हैं।

जल्दी दाखिल करने वालों को लाभ

जोकरदाता समय से पहले आईटीआर दाखिल कर देते हैं उन्हें रिफंड शीघ्र प्राप्त होता है। यदि ई-सत्यापन भी तुरंत हो जाए तो कुछ ही दिनों में रिफंड मिल जाता है। अंतिम तिथि के आसपास दाखिल करने वालों को सिस्टम अधिभार का सामना करना पड़ता है। इससे प्रसंस्करण समय बढ़ जाता है। विभाग की वेबसाइट पर भी ट्रैफ़िक अधिक होता है।

यह भी पढ़ें:  Current Infraprojects IPO: ग्रे मार्केट में 40 रुपये के प्रीमियम के साथ धमाल, लिस्टिंग पर 50% गेन की उम्मीद

रिफंड का समय

आयकर विभाग केअनुसार अधिकांश मामलों में ई-सत्यापन पूरा होने के 2 से 5 सप्ताह के भीतर रिफंड प्राप्त हो जाता है। सरल रिटर्न वाले मामलों में और भी कम समय लगता है। केवल वेतन आय और मानक कटौती वाले रिटर्न त्वरित प्रसंस्करण के लिए योग्य हैं। जटिल मामलों में अतिरिक्त सत्यापन आवश्यक होता है।

रिफंड शीघ्र प्राप्त करने के उपाय

विशेषज्ञोंका सुझाव है कि सभी विवरण सही और अद्यतन होने चाहिए। पैन और आधार का लिंक आवश्यक है। बैंक खाता सक्रिय और वैध होना चाहिए। IFSC कोड की दोहरी जाँच आवश्यक है। समय पर रिटर्न दाखिल करना सबसे असरदार उपाय है। ई-सत्यापन में देरी न करें। विभाग की ओर से किसी स्पष्टीकरण के लिए तुरंत प्रतिक्रिया दें।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News