India News: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी गई है। यह बदलाव ITR फॉर्म्स में संशोधन और सिस्टम अपडेट के कारण हुआ। अगर आपकी आय सैलरी, पेंशन, एक घर से किराया, ब्याज, डिविडेंड, या 5,000 रुपये तक की कृषि आय से है और कुल आय 50 लाख से कम है, तो ITR-1 फॉर्म आपके लिए उपयुक्त है। समय पर रिटर्न फाइल करें।
ITR-1 फॉर्म की पात्रता
ITR-1 फॉर्म उन निवासी व्यक्तियों के लिए है, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है। इसमें सैलरी, पेंशन, एक मकान से किराया, ब्याज, डिविडेंड, और 5,000 रुपये तक की कृषि आय शामिल हो सकती है। 1.25 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) वाले भी अब ITR-1 फाइल कर सकते हैं। यह फॉर्म छोटे और मध्यम करदाताओं के लिए सरल है। गलत फॉर्म चुनने से बचें, अन्यथा रिटर्न दोषपूर्ण माना जाएगा।
ITR-1 से बाहर रहने वाले लोग
ITR-1 फॉर्म उन लोगों के लिए नहीं है, जिनकी आय 50 लाख रुपये से अधिक है या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 1.25 लाख से ज्यादा है। कंपनी डायरेक्टर, अनलिस्टेड शेयर धारक, या विदेशी आय और संपत्ति वाले लोग भी ITR-1 नहीं भर सकते। ऐसे मामलों में ITR-2 या अन्य फॉर्म उपयुक्त हैं। सही फॉर्म चुनने के लिए आय के स्रोतों की जांच करें। समय सीमा तक रिटर्न दाखिल करें।
ITR-2 फॉर्म किसके लिए है
ITR-2 फॉर्म उन लोगों के लिए है, जिनकी आय जटिल स्रोतों से आती है, जैसे दो मकानों का किराया, शेयरों से मुनाफा, या विदेशी आय। यह उन व्यक्तियों और HUF के लिए है, जिनका कोई बिजनेस या प्रोफेशन (जैसे डॉक्टर, वकील) नहीं है। अगर आपकी आय ITR-1 की शर्तों से जटिल है, तो ITR-2 चुनें। सही फॉर्म का चयन ITR फाइलिंग को आसान बनाता है।
सही ITR फॉर्म कैसे चुनें
अगर आपकी आय सीधी-सादी और 50 लाख रुपये से कम है, तो ITR-1 फॉर्म भरें। जटिल आय, जैसे एक से अधिक मकान, शेयरों से मुनाफा, या विदेशी आय होने पर ITR-2 उपयुक्त है। गलत फॉर्म चुनने से रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है। आय के स्रोतों की जांच करें और सही फॉर्म का चयन करें। 15 सितंबर 2025 तक रिटर्न फाइल करें ताकि जुर्माने से बचा जा सके।
