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शनिवार, 30 सितम्बर,2023

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को फैट बर्न करने में लगता है समाय, जानें क्या कहता है रिसर्च

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Weight Loose: आज के समय में बढ़ते वजन की समस्या से हर कोई परेशान है. मोटापा कई सारी परेशानियों को जन्म देता है. ऐसे में हर कोई फिट रहना चाहता है. इसके लिए डाइट और वर्कआउट दोनों अहम भूमिका निभाते हैं. हाल ही के रिसर्च में पता चला है कि पुरुषों के मुकाबले महिला को फैट बर्न करने में काफी ज्यादा वक्त लगता है. इस रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि महिला 50 कैलोरी की दर से धीमी गति से फैट बर्न करती हैं आइए इसके पीछे का कारण जानते हैं.

क्या कहता है रिसर्च-

रिसर्च में इस बात का खुलासा किया गया है कि पुरुषों में चयापचय दर महिलाओं की तुलना में 3 से 10 प्रतिशत तक तेज हो सकती है. धीमी चयापचय का अर्थ है कि शरीर श्वसन, अनुभूति और ब्लड सर्कुलेशन जैसे सामान्य शारीरिक कार्यों का समर्थन करने के लिए कम कैलोरी का उपयोग करता है.

एक रिपोर्ट की मानें तो पुरुष महिलाओं की तुलना में एक दिन में 500 से 1,000 अधिक कैलोरी ज्यादा बर्न करते हैं, जिससे साफ है कि वे एक सप्ताह में महिलाओं की तुलना में लगभग एक से दो पाउंड अधिक वजन कम कर सकते हैं.

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क्या सभी महिलाओं के साथ होता है ऐसा?

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो ये बात सही है कि महिलाओं को वजन कम करने में पुरुषों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा समय लगता है, लेकिन ये परेशानी हर महिला के साथ नहीं है. कुछ महिलाओं में ये परेशानी देखी जा सकती है जिसके पीछे अनेक कारण हो सकते हैं.

क्या है इसके पीछे का कारण?

शरीर की रचना-

यह सभी को पता है कि पुरुष और महिला के शरीर की संरचना अलग अलग होती हैं. ऐसे में महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक फैट जमा होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि महिलाओं को बच्चे के जन्म, हार्मोन उत्पादन के साथ-साथ स्तनपान के लिए अतिरिक्त फैट की आवश्यकता होती है.

बायोलॉजिकल कारण-

महिलाएं बायोलॉजिकली पुरुषों से अलग होती हैं, जिस कारण उनका शरीर अलग तरह से काम करता है. महिलाओं के शरीर में फैट भी अलग-अलग जगह स्टोर होता है जैसे कूल्हों, जांघों, कमर या गर्दन. वहीं पुरुषों की बात करें तो उनके शरीर में सबसे ज्यादा फैट पेट के आसपास जमा होता है.

हार्मोन्स में अंतर-

पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग हार्मोन्स होते हैं जो वजन कम या ज्यादा करने में सहायक होते हैं. पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन अधिक और एस्ट्रोजन कम होता है वहीं महिलाओं में एस्ट्रोजन अधिक और टेस्टोस्टेरोन कम होता है. इसकी वजह से पुरुषों के मुकाबले उनका फैट धीरे बर्न होता है. जबकि महिलाओं में घ्रेलिन हार्मोन भी होता है, जिससे भूख बढ़ती है। ऐसे में जब महिलाएं वर्कआउट करती हैं, तो उसके तुरंत बाद उन्हें भूख लग जाती है, ऐसे में वो जल्द फैट कम नहीं कर पाती हैं.

मेटाबॉलिज्म दर-

वजन कम करने के लिए मेटाबॉलिज्म रेट काफी हद तक जिम्मेदार होता है. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में मेटाबॉलिज्म दर काफी कम होता है, इसी कारण महिलाओं को कैलोरी बर्न करने में ज्यादा समय लगता है.

महिलाओं में कम मसल मास-

मसल्स शरीर का एक्टिव कॉम्पोनेंट हैं और मसल्स मास जितना अधिक होगा, उतनी ही अधिक कैलोरी बर्न की जा सकती है. महिलाओं की तुलना में पुरुषों में दुबला मांसपेशी ऊतक होता है जो कैलोरीज बर्न करने में सहायक है. ऐसे में महिलाओं में जन घटाने की प्रक्रिया थोड़ी धीमी हो जाती है.

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