Israel Hamas War: इजरायली सेना और आतंकी संगठन हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच आखिरकार गाजा के सबसे बड़े अस्पताल अल शीफा में जिन 30 बच्चों की जान खतरे में थी, उन्हें बचा लिया गया। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में रविवार को इसकी पुष्टि की गई, जिसमें कहा गया कि यहां पहुंची संयुक्त राष्ट्र की एक टीम ने 30 समय से पहले जन्मे बच्चों को निकाला है। उधर, अल-कुद्स समेत कई बड़े अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित होने की खबरें आ रही हैं.
हमास के आतंकियों ने 7 अक्टूबर को सुबह-सुबह रॉकेट दागे थे.
आपको बता दें कि इजराइल में पिछले डेढ़ महीने से हालात अच्छे नहीं हैं. 7 अक्टूबर को पड़ोसी देश फ़िलिस्तीन में सक्रिय आतंकवादी संगठन हमास ने सुबह-सुबह सूरज की पहली किरण के साथ ही गाजा पट्टी में रॉकेट दागना शुरू कर दिया। इसके बाद इजरायली सेना भी हमलावर मोड पर आ गई. एक तरफ जहां इस युद्ध को लेकर पूरी दुनिया दो गुटों में बंटी हुई है, वहीं दूसरी तरफ जमीनी युद्ध में जुटी इजरायली सेना पिछले कई दिनों से अस्पतालों को निशाना बना रही है.
लोगों को दक्षिणी गाजा में जाने का निर्देश देने के साथ-साथ, इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ), जो गाजा के अंदर अपना आक्रमण जारी रखे हुए है, ने इसके सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाओं को बाधित कर दिया है। पहले बिजली और ऑक्सीजन सप्लाई में कटौती की गई, फिर सेना की ओर से बारूदी सुरंग हमले भी किए जा रहे हैं.
इजरायली सेना कई दिनों से अस्पतालों को निशाना बना रही है
इजरायली सेना का दावा है कि हमास के आतंकी इन अस्पतालों को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, इसलिए उन्हें यहां से खदेड़ना बहुत जरूरी है. इस बीच पिछले कुछ दिनों में कई नवजात शिशुओं और अन्य मरीजों की जान जा चुकी है, जबकि अब भी 30 से ज्यादा समय से पहले जन्मे बच्चों की जान खतरे में है.
रविवार को खबर आई कि संयुक्त राष्ट्र की टीम ने यहां से 30 प्रीमैच्योर बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला है. वहीं, रविवार को एक बयान में हमास नियंत्रित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘गाजा में रास नाकौरा स्कूल को जल्द ही आपातकालीन मामलों से निपटने के लिए एक फील्ड अस्पताल के रूप में मान्यता दी जाएगी।’