शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

इजरायल-हमास युद्ध: इजरायली कैबिनेट ने बंधक रिहाई और युद्धविराम की रूपरेखा को दी मंजूरी

Share

International News: इजरायल की कैबिनेट ने शुक्रवार तड़के गाजा पट्टी में युद्धविराम और हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी शेष बंधकों की रिहाई की योजना को मंजूरी दे दी। यह निर्णय दो साल से चल रहे इस संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कैबिनेट ने बंधकों की रिहाई के लिए एक समझौते की ‘रूपरेखा’ को स्वीकृति प्रदान की है।

इजरायली कैबिनेट के इस मतदान से पहले भी इजरायली हमले जारी रहे। फिलिस्तीनी नागरिक सुरक्षा के अनुसार, गुरुवार को उत्तरी गाजा में हुए धमाकों और गाजा शहर में एक इमारत पर हुए हमले में करीब दो लोगों की मौत हो गई। इस हमले में 40 से अधिक लोग मलबे में दब गए। इन हमलों ने संघर्ष की गंभीरता को एक बार फिर उजागर किया।

इजरायल-हमास युद्ध ने पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र को अस्थिरता की स्थिति में पहुंचा दिया है। सात अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के हमले के साथ शुरू हुए इस संघर्ष ने क्षेत्र में अन्य संघर्षों को भी जन्म दिया है। दुनिया भर में इस युद्ध के विरोध में व्यापक प्रदर्शन हुए हैं। इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर नरसंहार के आरोप भी लग चुके हैं।

यह भी पढ़ें:  हार्ट अटैक: 7 मिनट मौत के बाद फिर लौटी युवती की धड़कन, जानें पिता ने कैसे बचाई जान

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इजरायल के हमलों में गाजा में 67,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं। करीब 170,000 लोग इन हमलों में घायल हुए हैं। मरने वालों में लगभग आधी संख्या महिलाओं और बच्चों की है। यह आंकड़े इस संघर्ष की भयावहता को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं।

इजरायली हवाई हमलों ने गाजा के अधिकांश हिस्सों को मलबे में बदल दिया है। क्षेत्र के कई हिस्सों में अकाल जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। मानवीय संकट दिन-प्रतिदिन गहराता जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय संगठन लगातार मानवीय सहायता की आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं।

युद्धविराम योजना में कई ऐसे महत्वपूर्ण सवाल शामिल हैं जिनका अभी तक स्पष्ट जवाब नहीं मिला है। इनमें हमास का निरस्त्रीकरण और गाजा पर भविष्य में शासन की व्यवस्था प्रमुख हैं। दोनों पक्ष इस युद्ध को समाप्त करने के लिए तैयार नजर आ रहे थे। इस समझौते को एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

यह भी पढ़ें:  पीएम मोदी: इटली की पीएम मेलोनी ने भेजा खास न्योता, 2026 में फिर विदेश दौरे पर जाएंगे प्रधानमंत्री

नेतन्याहू के कार्यालय द्वारा जारी बयान में योजना के विवादास्पद पहलुओं का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है। इससे संकेत मिलता है कि अभी कई मुद्दों पर बातचीत जारी है। अंतिम समझौते का स्वरूप क्या होगा, यह अभी देखना बाकी है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस प्रगति को सकारात्मक दृष्टि से देख रहा है।

इजरायल-हमास संघर्ष ने पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा है। संयुक्त राष्ट्र लगातार युद्धविराम की अपील कर रहा है। कई देश शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभाने को तैयार हैं। इस क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

इजरायली कैबिनेट की मंजूरी को इस लंबे संघर्ष की समाप्ति की दिशा में एक आशा की किरण के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, अभी कई चुनौतियां बनी हुई हैं। दोनों पक्षों के बीच विश्वास की कमी एक बड़ी बाधा है। भविष्य में होने वाली वार्ता इस संघर्ष के अंतिम समाधान का मार्ग प्रशस्त करेगी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News