Doha News: कतर की राजधानी दोहा में इजरायली मिसाइल हमले के बाद एक बड़ा राजनीतिक सम्मेलन हो रहा है। पचास से अधिक मुस्लिम देश इस आपात बैठक में भाग ले रहे हैं। यह सम्मेलन इजरायल द्वारा दोहा में हमास कार्यालय पर किए गए हालिया हमले की प्रतिक्रिया में बुलाया गया है।
हमला उस समय हुआ जब हमास नेता अमेरिकी शांति प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे थे। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार बैठक में गाजा संघर्ष विराम पर विचार हो रहा था। इजरायली विदेश मंत्री ने हमले से कुछ घंटे पहले ही शांति प्रस्ताव स्वीकार करने की बात कही थी।
इजरायल ने इस हमले को हमास नेतृत्व को निशाना बताया है। हवाई हमले में हमास के पाँच सदस्य और एक कतरी सुरक्षा अधिकारी मारे गए। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस घटना की सर्वसम्मति से निंदा की है। हमले ने पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है।
कतर की प्रतिक्रिया और सम्मेलन
कतर ने तुरंत अरब और इस्लामी देशों के नेताओं को आपात बैठक के लिए आमंत्रित किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कतर समाचार एजेंसी को बताया कि शिखर सम्मेलन में इजरायली हमलों पर चर्चा होगी। इसका उद्देश्य आतंकवाद से लड़ने के लिए एक रणनीति तैयार करना है।
कतर के प्रधानमंत्री ने चेतावनी दी है कि उनका देश इस हमले का सामूक जवाब देगा। उन्होंने कहा कि इस हमले ने पूरे क्षेत्र की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। कतर ने गाजा और इजरायल के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और भागीदारी
इस बैठक में 57 सदस्यीय इस्लामिक सहयोग संगठन और 22 सदस्यीय अरब लीग के नेता शामिल हो रहे हैं। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी इसमें शामिल हो रहे हैं।
मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम भी इस महत्वपूर्ण बैठक में भाग ले रहे हैं। ईरान के सुरक्षा प्रमुख ने इजरायल के खिलाफ एक संयुक्त अभियान दल बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है। अभी तक सभी भाग लेने वाले देशों की पुष्टि नहीं हुई है।
शांति प्रस्ताव और क्षेत्रीय तनाव
इजरायल ने ट्रंप के शांति प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। इस प्रस्ताव के तहत इजरायल 48 बंधकों की रिहाई के बदले फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ने को तैयार था। इसके साथ ही गाजा में युद्धविराम लागू होना था। परन्तु हमले ने इस प्रक्रिया को बाधित कर दिया।
इजरायल का सैन्य अभियान अब केवल गाजा तक सीमित नहीं रहा। यह ईरान, सीरिया, लेबनान और यमन तक फैल चुका है। इस शिखर सम्मेलन में इजरायल के खिलाफ एक सख्त बयान जारी होने की उम्मीद है। साथ ही भविष्य की रणनीति तय की जाएगी।
बैठक में तय होगा कि इजरायली हमलों से निपटने के लिए कौन से ठोस कदम उठाए जाएंगे। क्षेत्र में बढ़ते तनाव ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस घटना ने शांति प्रक्रिया को गंभीर झटका दिया है।
