New Delhi: सुप्रीम कोर्ट का आदेश के तोड़ के लिए दिल्ली के सर्विस मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार अब अध्यादेश ले आई है। इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सवाल किया था कि क्या केंद्र सेवाओं के मामलों में निर्वाचित सरकार को कार्यकारी अधिकार देने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले को अध्यादेश के जरिए पलटने की ”साजिश” कर रहा है।
पिछले हफ्ते उच्चतम न्यायालय के एक महत्वपूर्ण फैसले में दिल्ली सरकार को अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापना सहित सेवा मामलों में कार्यकारी शक्ति दी गई थी।
दिल्ली के सेवा मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी यह सवाल किया कि क्या उपराज्यपाल और केंद्र अध्यादेश लाकर फैसले को पलटने की साजिश कर रहे हैं। मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता भारद्वाज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने अपने सभी कैबिनेट सहयोगियों से सेवा सचिव आशीष मोरे के स्थानांतरण से संबंधित फाइल को मंजूरी देने के लिए उपराज्यपाल वी के सक्सेना के साथ बैठक में शामिल होने का अनुरोध किया है।
बाद में, एक ट्वीट में केजरीवाल ने भारद्वाज के आरोप को दोहराया। केजरीवाल ने ट्वीट में कहा, ”उपराज्यपाल साहब न्यायालय के आदेश क्यों नहीं मान रहे? दो दिन से सेवा सचिव की फाइल पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किए? कहा जा रहा है कि केंद्र अगले हफ्ते अध्यादेश लाकर उच्चतम न्यायालय के आदेश को पलटने वाला है?” उन्होंने ट्वीट में सवाल किया, ”क्या केंद्र सरकार न्यायालय के आदेश को पलटने की साजिश कर रही है?
क्या उपराज्यपाल साहब अध्यादेश का इंतजार कर रहे हैं, इसलिए फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे?” इससे पहले, दिल्ली के सेवा मंत्री भारद्वाज ने उपराज्यपाल सक्सेना से सेवा सचिव आशीष मोरे के तबादले से संबंधित एक फाइल को मंजूरी देने का अनुरोध किया, जिसमें कहा गया है कि देरी के कारण कई प्रशासनिक बदलाव अटके हुए हैं। भारद्वाज ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि दिल्ली सरकार ने दो दिन पहले फाइल भेजी थी।