शुक्रवार, दिसम्बर 26, 2025

अगरबत्ती का धुआं कहीं आपको तो नहीं कर रहा बीमार? सरकार ने लिया बड़ा एक्शन, बदल दिए नियम!

Share

New Delhi News: अब आपके घर की पूजा और Health (सेहत) दोनों सुरक्षित रहेंगी। केंद्र सरकार ने अगरबत्ती बनाने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने अगरबत्ती के लिए नया मानक (IS-19412:2025) जारी किया है। इसका मकसद अगरबत्ती के धुएं से होने वाले नुकसान को रोकना है। अब तक अगरबत्ती में कई हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल हो रहा था। ये रसायन आपकी Health के लिए खतरा बन चुके थे।

सेहत के लिए खतरनाक केमिकल्स पर बैन

सरकार ने अगरबत्ती निर्माण में जहरीले रसायनों के इस्तेमाल पर सख्त पाबंदी लगा दी है। नए नियमों के तहत अब कीटनाशक और खतरनाक आर्टिफिशियल खुशबू का प्रयोग नहीं होगा। कई रिसर्च में यह बात सामने आई थी कि अगरबत्ती का धुआं बंद कमरे में सिगरेट से भी ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। यह धुआं सांस के जरिए शरीर में जाता है। इससे एलर्जी, सांस की तकलीफ और Health से जुड़ी अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

यह भी पढ़ें:  गहरी नींद: सोते समय क्यों कंबल से बाहर निकल जाता है आपका एक पैर? जानें इसके पीछे का विज्ञान

इन जहरीले पदार्थों पर लगी रोक

नए भारतीय मानक (BIS) के अनुसार, एलेथ्रिन, पर्मेथ्रिन, सायपरमेथ्रिन और फिप्रोनिल जैसे रसायनों को पूरी तरह हटा दिया गया है। ये रसायन मूल रूप से कीड़े मारने की दवाओं में इस्तेमाल होते हैं। इसके अलावा बेंज़िल सायनाइड और एथिल एक्रिलेट जैसे रसायनों पर भी रोक लगी है। इनका धुआं सिरदर्द और फेफड़ों की समस्याओं का कारण बनता है। सरकार का यह कदम उपभोक्ताओं की Health सुरक्षा के लिए उठाया गया है।

भारतीय मानक ब्यूरो की मुहर बनेगी पहचान

अब अगरबत्ती के पैकेट पर बीआईएस (BIS) का मानक चिह्न दिखाई देगा। यह चिह्न शुद्धता और सुरक्षा की गारंटी होगा। भारत दुनिया का सबसे बड़ा अगरबत्ती उत्पादक देश है। यहां का अगरबत्ती उद्योग करीब आठ हजार करोड़ रुपये का है। नए मानकों से न केवल भारतीय घरों में सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि विदेशों में भी भारतीय अगरबत्ती की मांग और विश्वसनीयता बढ़ेगी। अब पूजा का वातावरण पवित्र होने के साथ-साथ प्रदूषण मुक्त भी होगा।

यह भी पढ़ें:  हिमाचल प्रदेश: रेत मक्खी से कटैनीय लीशमैनियासिस का खतरा बढ़ा, अब सतलुज घाटी से आगे फैल रही है बीमारी; जानें कारण
Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News