Indian Railways News: भारतीय रेलवे ने दिवाली और छठ पूजा के अवसर पर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ी सुविधा शुरू की है। सोलह सितंबर से यात्री पंद्रह नवंबर तक की अपनी यात्रा के लिए रेलवे टिकट बुक कर सकते हैं। इसका मतलब है कि अब लोग त्योहारों पर घर जाने और वापस आने की टिकटें पहले से ही सुरक्षित कर सकते हैं।
त्योहारों के समय में ट्रेनों में सीटों की मांग बहुत बढ़ जाती है। इसलिए रेलवे ने यात्रियों को पहले ही टिकट बुक करने का अवसर दिया है। इससे यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बनाने में आसानी होगी। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश जाने वाले यात्रियों के लिए यह सुविधा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
टिकट बुकिंग की अहमियत
दिवाली और छठ जैसे बड़े त्योहारों पर ट्रेनों में सीटें बहुत जल्दी भर जाती हैं। रेलवे इन दिनों में विशेष त्योहारी ट्रेनें भी चलाता है। फिर भी टिकटों की मांग बहुत अधिक होती है। अगर आप इन त्योहारों पर यात्रा करना चाहते हैं तो अभी से टिकट बुक करना उचित रहेगा।
सामान्य और तत्काल टिकट में अंतर
रेलवे की सामान्य टिकट बुकिंग यात्रा की तारीख से साठ दिन पहले खुलती है। इसमें स्लीपर और एसी कोच के टिकट शामिल हैं। तत्काल टिकट की बुकिंग यात्रा से एक दिन पहले शुरू होती है। तत्काल टिकट की कीमत सामान्य टिकट से अधिक होती है।
यात्रा वर्ग का चुनाव
यात्री अपनी सुविधा के अनुसार अलग-अलग वर्ग का चुनाव कर सकते हैं। स्लीपर वर्ग कम खर्च वाला विकल्प है। एसी कोच में यात्रा करने वालों को अधिक आराम मिलता है। त्योहारों के दौरान सामान्य डिब्बों में भीड़ बहुत अधिक हो सकती है।
मुख्य गंतव्य स्थान
रेलवे बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों के लिए विशेष सेवाएं प्रदान करता है। बिहार में पटना, गया और मुजफ्फरपुर जैसे शहर शामिल हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में वाराणसी, गोरखपुर और आज़मगढ़ जैसे शहर प्रमुख गंतव्य हैं।
त्योहारों की तिथियां
इस वर्ष दिवाली इक्कीस अक्टूबर को मनाई जाएगी। छठ पूजा सत्ताईस अक्टूबर को होगी। इन त्योहारों के आसपास के दिनों में ट्रेनों में यात्री भीड़ अधिक रहेगी। अक्टूबर के तीसरे और चौथे सप्ताह में यातायात का दबाव सबसे ज्यादा होगा।
टिकट बुकिंग के टिप्स
टिकट बुकिंग की विंडो खुलते ही तुरंत अपना टिकट बुक कर लें। अपने आईआरसीटीसी खाते को आधार से जोड़ना न भूलें। रेलवे की ओर से वापसी यात्रा पर छूट की सुविधा भी उपलब्ध है। तत्काल टिकट को अंतिम विकल्प के रूप में रखें क्योंकि इसकी लागत अधिक होती है।
