Delhi News: राउज एवेन्यू कोर्ट ने आईआरसीटीसी घोटाला मामले में एक महत्वपूर्ण तारीख तय की है। अदालत 13 अक्टूबर को लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और पुत्र तेजस्वी यादव सहित सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने पर फैसला सुनाएगी। कोर्ट ने सभी आरोपियों को इस दिन अदालत में उपस्थित रहने का आदेश दिया है।
यह फैसला आरोपों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। अदालत यह तय करेगी कि सीबीआई द्वारा दायर चार्जशीट में शामिल आरोपों में से किन आरोपों पर मुकदमा आगे बढ़ेगा। इस प्रक्रिया के बाद ही मुख्य मुकदमे की सुनवाई शुरू हो पाएगी।
क्या है आईआरसीटीसी घोटाले का मामला?
यह मामला लालू प्रसाद यादव के केंद्रीय रेल मंत्री रहने के कार्यकाल से जुड़ा है। आरोप है कि उनके कार्यकाल में आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव का ठेका देने में गड़बड़ी की गई। इन होटलों में रांची का बीएनआर होटल और पुरी का एक होटल शामिल है।
सीबीआई का दावा है कि ठेका आवंटन की प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन किया गया। जांच एजेंसी ने इसमें धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। सीबीआई ने एक लंबी जांच के बाद इस मामले में चार्जशीट दायर की थी।
आरोपियों ने की थी यह दलील
आरोपियों की ओर से अदालत में दलील दी गई थी कि सीबीआई के पास मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। उनके वकीलों ने आरोपों को चुनौती देते हुए अपने पक्ष रखे थे। सीबीआई ने इसका जवाब दिया और अपने सबूत पेश किए।
सीबीआई के विशेष जज विशाल गोगने ने दोनों पक्षों की लंबी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब वह 13 अक्टूबर को अपना निर्णय सुनाएंगे। इस सुनवाई में सभी आरोपियों की अदालत में मौजूदगी अनिवार्य होगी।
इस मामले की निगरानी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जज कर रहे हैं। यह केस देश के प्रमुख भ्रष्टाचार मामलों में से एक माना जाता है। इस फैसले से राजनीतिक गलियारों में भी गहरी दिलचस्पी है।
मामले की सुनवाई लगातार जारी रही है और दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क रखे हैं। अब अदालत के आगे के निर्देश पर ही मुकदमे की दिशा तय होगी। यह तारीख इस लंबे चल रहे मामले के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।
