शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

निवेश: चांदी ने सोना और शेयर बाजार को पीछे छोड़ा, 2025 में 49% का शानदार रिटर्न दिया

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Mumbai News: साल 2025 में चांदी ने निवेशकों के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। इस धातु ने अब तक 49 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया है। यह आंकड़ा सोने और शेयर बाजार दोनों से कहीं बेहतर है। चांदी में निवेश करने वालों की किस्मत इस साल चमक गई है।

एमसीएक्स पर चांदी की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। पिछले साल 87,233 रुपये प्रति किलोग्राम रही चांदी 19 सितंबर तक बढ़कर 1,30,099 रुपये पर पहुंच गई। इस तरह निवेशकों को भारी मुनाफा हुआ है।

चांदी की तेजी के प्रमुख कारण

विशेषज्ञों के अनुसार चांदी की कीमतों में उछाल के कई कारण हैं। औद्योगिक मांग में वृद्धि प्रमुख कारक है। सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे क्षेत्रों में चांदी का उपयोग तेजी से बढ़ा है।

वैश्विक स्तर पर बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितता ने भी चांदी की मांग बढ़ाई है। निवेशक सुरक्षित निवेश के विकल्प के तौर पर चांदी की ओर रुख कर रहे हैं। इससे कीमतों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

आपूर्ति और मांग का असंतुलन

सिल्वर इंस्टीट्यूट के आंकड़े बताते हैं कि चांदी की आपूर्ति में लगातार कमी आ रही है। यह लगातार पांचवां साल है जब आपूर्ति मांग से कम रही है। इस असंतुलन ने कीमतों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी ने भी घरेलू बाजार में चांदी की कीमतों को बढ़ाया है। आयातित वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से स्थानीय बाजार प्रभावित हुआ है।

अन्य निवेश विकल्पों का प्रदर्शन

सोने ने इस साल 43.2 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। यह चांदी के मुकाबले कम है। शेयर बाजार का प्रदर्शन और भी मामूली रहा। सेंसेक्स ने 5.74 प्रतिशत और निफ्टी ने 7.1 प्रतिशत का रिटर्न दिया।

इस तरह चांदी ने सभी प्रमुख निवेश विकल्पों को पीछे छोड़ दिया है। कमोडिटी बाजार में यह प्रदर्शन उल्लेखनीय माना जा रहा है।

भविष्य की संभावनाएं

विश्लेषकों का मानना है कि चांदी में अभी भी निवेश के अवसर मौजूद हैं। भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से कीमतों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। वैश्विक अनिश्चितता के चलते चांदी की मांग बनी रहने की संभावना है।

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हालांकि निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे जोखिम क्षमता के अनुरूप ही निवेश करें। बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान सतर्क रहने की आवश्यकता है।

औद्योगिक मांग का बढ़ता दबाव

स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में चांदी की मांग लगातार बढ़ रही है। सौर पैनल निर्माण में चांदी का व्यापक उपयोग होता है। इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में भी इसकी मांग बढ़ी है।

वैश्विक हरित ऊर्जा पहलों के कारण चांदी की मांग में और वृद्धि की उम्मीद है। इससे भविष्य में कीमतों पर सकारात्मक दबाव बना रह सकता है।

निवेश रणनीति

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेशकों को गिरावट के दौर में निवेश करना चाहिए। बाजार में उतार-चढ़ाव का लाभ उठाना चाहिए। डिजिटल गोल्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी चांदी में निवेश किया जा सकता है।

निवेश पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। चांदी को पोर्टफोलियो का एक हिस्सा ही बनाना चाहिए। इससे जोखिम प्रबंधन में मदद मिलती है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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