Shimla News: हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में सीबीआई की जांच महज एफआईआर दर्ज करने तक ही सीमित नजर आ रही है। पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले के डेढ़ साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी अभी तक पुलिस भर्ती में शामिल पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई है.
विपक्ष में रहते हुए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे कि आखिर पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई, लेकिन प्रदेश में सरकार बदलने के बाद भी अधिकारियों पर कोई जांच शुरू नहीं की गई है. पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में सीबीआई ने तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं.
पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई चंडीगढ़ कार्यालय की टीम को सौंपा गया है, लेकिन पुलिस भर्ती में शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई करने में सीबीआई भी सुस्त नजर आ रही है. गौरतलब है कि पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में पुलिस एसआईटी ने 183 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया था और तीन अलग-अलग आरोप पत्र दायर किए गए थे. इसके अलावा पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए एक अधिकारी बोर्ड का भी गठन किया गया था.
इसके बाद पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई. पेपर लीक मामले में दर्ज दो एफआईआर की सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार ने 18 मई 2022 को अपनी सहमति दे दी थी. एक 5 मई, 2022 को गग्गल पुलिस स्टेशन, कांगड़ा में और दूसरा 7 मई, 2022 को सीआईडी पुलिस स्टेशन, भराड़ी, शिमला में दर्ज किया गया था। नवंबर महीने में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल और ड्राइवर भर्ती पेपर लीक मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. लेकिन अब तक की जांच में पुलिस अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.