शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव: हिमाचल के कलाकारों ने कुरुक्षेत्र में दिखाया लोक कला का जलवा

Share

Himachal News: कुरुक्षेत्र के ब्रह्म सरोवर परिसर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में हिमाचल प्रदेश के कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी है। यह 20 दिवसीय उत्सव 15 नवंबर से 5 दिसंबर तक चलेगा। हरियाणा सरकार, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और संस्कृति मंत्रालय के उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला ने संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम का आयोजन किया है।

मांडव्य कला मंच के लोक कलाकार हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने पांच दिनों तक मंडी जिले के पारंपरिक नृत्यों की प्रस्तुतियां दीं। लुड्डी नृत्य, मंडियाली गिद्धा और नागरीय नृत्य ने दर्शकों और श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों ने हिमाचल की सांस्कृतिक विरासत को बखूबी प्रस्तुत किया।

16 सदस्यीय दल ने दिखाई प्रतिभा

मांडव्य कलामंच का 16 सदस्यीय दल इस महोत्सव में भाग ले रहा है। संस्था के संस्थापक अध्यक्ष कुलदीप गुलेरिया के नेतृत्व में यह दल प्रदर्शन कर रहा है। गुलेरिया पूर्व लोक संपर्क अधिकारी रह चुके हैं। दल में रेणुका शर्मा, पंकज ठाकुर और रमेश कुमार जैसे कलाकार शामिल हैं।

यह भी पढ़ें:  शिमला: दलित बालक की आत्महत्या पर शांता कुमार ने जताया गहरा दुख, कहा, छुआछूत को सबसे बड़ा अपराध और पाप

आर्यन, श्रेया, हिना और सुनिधि जैसे युवा कलाकारों ने भी अपनी प्रतिभा दिखाई। परमजीत, गगनदीप, कोमल और महक ने समूह प्रस्तुतियां दीं। ऋषिका, ईशिका और वनिता ने नृत्य कला में अपना हुनर प्रदर्शित किया। सभी कलाकारों ने मिलकर हिमाचल की संस्कृति की सुंदर झलक पेश की।

सात राज्यों के कलाकार हो रहे हैं शामिल

इस महोत्सव मेंसात राज्यों के लगभग 100 से अधिक लोक कलाकार भाग ले रहे हैं। हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कलाकार प्रतिदिन प्रदर्शन कर रहे हैं। सुबह और शाम के सत्रों में अनुसूया और सरस्वती घाट पर यह कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।

दर्शकों को विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति से रूबरू होने का अवसर मिल रहा है। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन और संयोजन कर रहा है। क्रमबद्ध तरीके से पूरे देश के राज्यों के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।

यह भी पढ़ें:  शिमला: माल रोड और रिज पर रैलियों पर रोक, अगले 2 महीने तक लागू हुए कड़े नियम

शिल्प और संस्कृति का अनूठा संगम

यह उत्सव शिल्प और अंतर्राष्ट्रीय गीतामहोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। पूरे देश भर से लोक कलाकार अपने-अपने प्रदेश की झलकियां प्रस्तुत कर रहे हैं। गीता का उपदेश देने वाली इस पुण्य स्थली पर आयोजन ने विशेष महत्व रखता है। यह महोत्सव विश्व के मानचित्र पर देश की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत कर रहा है।

दर्शकों ने हिमाचल के कलाकारों की प्रस्तुतियों की खूब सराहना की। मंडी जिले के लोक नृत्यों ने विशेष आकर्षण का केंद्र बने रहे। कुरुक्षेत्र आए श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भरपूर आनंद उठाया। यह महोत्सव सांस्कृतिक एकता और विविधता का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।

Read more

Related News