Himachal Pradesh News: अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दौरान देव समाज और प्रशासन के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को हिंदू संगठनों और देव समाज के सैकड़ों लोग देव समाज संघर्ष समिति के बैनर तले सरवरी में एकत्र हुए। प्रदर्शनकारी उपायुक्त कार्यालय पहुंचे जहां उनकी रोष रैली ने धरने का रूप ले लिया। जिला प्रशासन और एक तहसीलदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। लोगों ने तहसीलदार को निलंबित करने की मांग को बुलंद किया।
हिंदू रक्षा मंच के जिला अध्यक्ष अमन सूद ने जिला प्रशासन पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि तहसीलदार वर्ष 2023 से लगातार विवादों में घिरा रहने के बावजूद उसे देवताओं से संबंधित ड्यूटी पर तैनात कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि तहसीलदार जूतों के साथ देवता के टेंट में पहुंचे और कारदार तथा देवता को जेल की धमकी दी। सूद ने इस घटना को बेहद शर्मनाक करार दिया।
अमन सूद ने पुलिस पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने तहसीलदार की शिकायत पर देवता भृगु ऋषि के कारदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। लेकिन कारदार की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने सवाल उठाया कि यह कैसा प्रशासन है जो एक पक्षीय कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने साफ कहा कि देव समाज का अपमान किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
वहीं हिन्दू रक्षा मंच के प्रदेश अध्यक्ष कमल गौतम ने कांग्रेस और भाजपा दोनों राजनीतिक दलों पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों दल केवल अपने लाभ के लिए काम करते हैं। गौतम ने कहा कि दोनों दल बिजली महादेव रोपवे मामले में आवाज नहीं उठा रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि केंद्र में भाजपा के मंत्री जनता की आवाज अपने नेतृत्व तक क्यों नहीं पहुंचा रहे।
कमल गौतम ने रोपवे प्रकरण को लेकर एक गंभीर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या इस मामले में कांग्रेस और भाजपा दोनों के व्यावसायिक हित जुड़े हुए हैं। गौतम ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के बयान पर गहरा दुख जताया। मुख्यमंत्री ने कहा था कि रोपवे के विरोध में पेड़ काटने से पहले प्रदर्शन करना चाहिए था। गौतम ने कहा कि उनकी देव परंपराओं और आस्थाओं पर लगातार हमला किया जा रहा है।
