हमारे देश में एक अधिनियम है जो देश के प्रतीकों की रक्षा करता है और अधिनियम का नाम है भारत का राज्य प्रतीक (अनुचित उपयोग का निषेध) अधिनियम; लेकिन इस अधिनियम का प्रयोग कहाँ होता है यह कोई नही जानता। आम जनता कहीं गलती करे तो उसको तुरंत इसी एक्ट में गिरफ्तार कर लिया जाता है। लेकिन राजनीतिक पार्टियों के कारिंदे, नेता या मंत्री उल्लंघन करे तो कोई नही पूछता।
ताजा मामला बिहार के नव निर्वाचित शिक्षा मंत्री डॉ मेवालाल चौधरी का है। जिन्होंने राष्ट्रीय गान गलत ढंग से गया और बिना रुके अपमान करते रहे। उनके खिलाफ भारत का राज्य प्रतीक (अनुचित उपयोग का निषेध) अधिनियम के अंतर्गत केस भी बनाता है। लेकिन महोदय बिहार के शिक्षा मंत्री है। इनके कुछ भी अनुचित नही है और ना कोई अपराध। इसलिए राष्ट्रीय गान का अपमान करने पर भी बाहर है। वीडियो देखें;
आपको जानकर हैरानी होगी कि डॉ मेवालाल चौधरी भागलपुर विश्व विद्यालय के कुलपति भी रह चुके है और अब बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री है। विपक्षियों ने जरूर राजनीति करने के लिए सवाल उठाए है लेकिन कोई भी आदमी,संगठन या सरकारी एजेंसी भारतीय राष्ट्रीय गान की रक्षा के लिए आगे नही आए है।