Himachal News: शिमला में उद्योग विभाग की वेबसाइट हैक कर फर्जी सीएम रिलीफ फंड पेज बनाया गया। अज्ञात शख्स ने बैंक खाता और क्यूआर कोड डाला। लोगों ने इस खाते में पैसे जमा किए। पुलिस ने छोटा शिमला थाने में मामला दर्ज किया। साइबर सेल जांच कर रही है। 26 जुलाई को पेज अपलोड हुआ। विभाग ने वेबसाइट बंद कर दोबारा शुरू की।
हैकिंग का खुलासा
28 जुलाई को कर्मचारी ने फर्जी पेज देखा। सीएम रिलीफ फंड के नाम पर पेज बनाया गया। इसमें अज्ञात व्यक्ति का बैंक खाता था। क्यूआर कोड भी डाला गया। कर्मचारी ने 1 रुपये का टेस्ट ट्रांजैक्शन किया। यह सफल रहा। पेज 26 जुलाई को अपलोड हुआ था। वेबसाइट मैहली डाटा सेंटर में होस्ट है। केवल डाटा सेंटर टीम को पेज अपलोड करने की अनुमति है।
पुलिस में शिकायत
अतिरिक्त निदेशक तिलक राज शर्मा ने शिकायत दर्ज की। छोटा शिमला थाने में FIR दर्ज हुई। बीएनएसएस धारा 318(4) और आईटी एक्ट 66(सी) के तहत कार्रवाई होगी। साइबर सेल जांच कर रही है। अज्ञात व्यक्ति की यूपीआई आईडी की पड़ताल हो रही है। 26 से 28 जुलाई तक जमा राशि की जानकारी मांगी गई। पुलिस ने मामले को गंभीर बताया।
वेबसाइट बंद की गई
सुरक्षा कारणों से 28 जुलाई को वेबसाइट बंद की गई। 29 जुलाई को दिशा-निर्देशों के बाद फिर शुरू हुई। डाटा सेंटर ने पेज की जांच की। फर्जी पेज की पुष्टि हुई। कर्मचारी ने 1 रुपये का लेन-देन टेस्ट किया। यह अज्ञात यूपीआई आईडी से जुड़ा था। विभाग ने तुरंत कार्रवाई की। वेबसाइट की सुरक्षा बढ़ाई गई। जांच में और खुलासे हो सकते हैं।
ठगी और छवि को नुकसान
शिकायत में कहा गया कि हैकिंग से जनता ठगी गई। फर्जी खाते में पैसे जमा हुए। यह सरकार की छवि खराब करने की कोशिश थी। अज्ञात व्यक्ति ने सरकारी वेबसाइट हैक की। क्यूआर कोड से ठगी की गई। विभाग की साख पर असर पड़ा। पुलिस ने तकनीकी जांच शुरू की। दोषी की पहचान के लिए साइबर सेल सक्रिय है। जनता से सावधानी बरतने की अपील की।
साइबर क्राइम पर चिंता
एसएसपी संजीव गांधी ने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया। साइबर क्राइम बढ़ रहा है। सरकारी वेबसाइट हैकिंग गंभीर मामला है। तकनीकी जांच से ठगों का पता लगाया जाएगा। लोगों से फर्जी लिंक पर भुगतान न करने की सलाह दी। यह घटना साइबर सुरक्षा की जरूरत बताती है। विभाग ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए।
