शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

इंदौर विवाद: मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने के आदेश के खिलाफ थाने पहुंचे दिग्विजय सिंह, दुकानदारों ने चूड़ियां फेंककर किया विरोध

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Indore News: इंदौर का शीतला माता बाजार इन दिनों गहरे सांप्रदायिक और राजनीतिक विवाद का केंद्र बना हुआ है। विधायक मालिनी गौड़ के पुत्र एकलव्य सिंह गौड़ के दुकानदारों से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने के आह्वान के बाद से बने तनावपूर्ण माहौल में शनिवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के दौरे ने स्थिति को और गर्म कर दिया। दिग्विजय सिंह के बाजार पहुंचने पर व्यापारियों ने उनका चूड़ियां फेंककर विरोध किया, जबकि भारी पुलिस बल मौके पर तैनात रहा।

विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

यह विवाद तब शुरू हुआ जब बीजेपी विधायक मालिनी गौड़ के पुत्र और बीजेपी नगर उपाध्यक्ष एकलव्य सिंह गौड़ ने सितंबर के पहले सप्ताह में शीतला माता बाजार व्यापारी संघ की एक बैठक में दुकानदारों से मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से हटाने का आह्वान किया । इस आदेश के पीछे उन्होंने बाजार में बढ़ रही ‘लव जिहाद’ की घटनाओं का हवाला दिया । रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस आदेश के बाद बाजार की लगभग 40 से 50 दुकानों से मुस्लिम किरायेदारों को हटा दिया गया और लगभग 100 मुस्लिम कर्मचारियों की नौकरियां चली गईं ।

दिग्विजय सिंह के दौरे पर क्या हुआ?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए शनिवार को शीतला माता बाजार का दौरा किया । हालांकि, उनके आगमन की सूचना मिलते ही बाजार में मौजूद कुछ व्यापारियों और समर्थकों ने उनका जोरदार विरोध शुरू कर दिया । विरोध कर रहे लोगों ने उन पर चूड़ियां फेंकीं और ‘जिहादी मानसिकता का समर्थन बंद करो’ जैसे नारे लगाए । इस दौरान पुलिस को दोनों पक्षों के बीच तनाव को नियंत्रित करने के लिए भारी बल तैनात करना पड़ा।

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बाजार में कैसा है माहौल?

विवाद के बाद से बाजार का माहौल काफी तनावपूर्ण बना हुआ है । कई दुकानों को भगवा झंडों और बैनरों से सजाया गया है, जिन पर ‘जिहादी मानसिकता वालों का प्रवेश वर्जित’ जैसे नारे लिखे हैं । बाजार व्यापारी संघ के महासचिव पप्पू माहेश्वरी ने दावा किया कि मुस्लिम सेल्समैन महिला ग्राहकों को घूरते थे और उनके नंबर लेते थे, इसलिए यह कदम जरूरी था । हालांकि, कुछ हिंदू दुकानदारों ने भी इस आदेश का विरोध किया और अपने मुस्लिम साथियों के समर्थन में खड़े दिखे ।

दिग्विजय सिंह और प्रशासन की प्रतिक्रिया

विरोध के बीच दिग्विजय सिंह सराफा थाने पहुंचे जहां उन्होंने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई । उन्होंने मीडिया से बात करते हुए इस कार्रवाई को संविधान के खिलाफ बताया और आरोप लगाया कि प्रशासन ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की । उन्होंने कहा कि यह सांप्रदायिक सद्भाव को तोड़ने की साजिश है और एकलव्य गौड़ की गिरफ्तारी की मांग की । पुलिस ने कहा है कि वह स्थिति की जांच कर रही है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगी ।

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व्यापारियों और कर्मचारियों पर प्रभाव

इस पूरे विवाद का सीधा असर बाजार के व्यापार और लोगों की आजीविका पर पड़ा है । कई मुस्लिम कर्मचारी जो दशकों से इस बाजार में काम कर रहे थे, अचानक बेरोजगार हो गए हैं । कुछ दुकानदारों ने बताया कि उन्हें अपने लंबे समय से काम कर रहे कर्मचारियों को सामाजिक दबाव के कारण हटाना पड़ा, जबकि वे ऐसा नहीं चाहते थे । बाजार में ग्राहकों की आवाजाही भी प्रभावित हुई है और कारोबार में गिरावट देखी जा रही है ।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

इस मामले ने जल्द ही एक बड़ा राजनीतिक रूप ले लिया है। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने एकलव्य गौड़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और कार्रवाई की मांग की है । शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे ने इसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास बताया है । वहीं, एकलव्य गौड़ ने अपने समर्थन में जुटे व्यापारियों की तारीफ की और कहा कि उन्होंने ‘जिहादी मानसिकता’ के समर्थकों को जवाब दिया है । उन्होंने दावा किया कि उनका उद्देश्य महिलाओं के सम्मान की रक्षा करना है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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