Sidoarjo News: इंडोनेशिया के सिदोअर्जो शहर में एक इस्लामिक स्कूल की इमारत ढहने के दो दिन बाद भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। अधिकारियों ने बुधवार को नए आंकड़े जारी करते हुए बताया कि मलबे में अब भी 91 छात्रों के फंसे होने की आशंका है। इस हादसे में अब तक तीन छात्रों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 100 से अधिक लोग घायल हैं।
इमारत गिरने का यह हादसा सोमवार दोपहर को तब हुआ जब अल खोजिनी इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल के छात्र एक कक्षा में नमाज अदा कर रहे थे। ज्यादातर प्रभावित छात्र किशोर उम्र के हैं। माना जा रहा है कि करीब 100 साल पुरानी इस इमारत में चल रहे अनधिकृत निर्माण कार्यों के चलते यह दुर्घटना हुई।
राहत और बचाव कार्य में लगी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने मंगलवार रात तक मलबे में फंसे लोगों का आंकड़ा बढ़ा दिया है। पहले यह संख्या 38 बताई गई थी जिसे संशोधित करके 91 कर दिया गया। यह जानकारी उपस्थिति रिकॉर्ड और लापता बच्चों के परिवारों की शिकायतों के आधार पर एकत्र की गई है।
बचाव कार्य जारी
बचाव दल लगातार तीसरे दिन भी मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने में जुटे हुए हैं। इस कार्य में 300 से अधिक बचावकर्मी, पुलिस और सैन्यकर्मी शामिल हैं। वे भारी मशीनों और हाथों से मलबा हटाकर जीवित बचे लोगों को ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में सहयोग कर रहे हैं।
इमारत के ढहने की वजह से पूरा स्कूल परिसर मलबे का ढेर बन गया है। बचावकर्मी बारीकी से काम कर रहे हैं ताकि किसी जीवित व्यक्ति को नुकसान न पहुंचे। इस कारण काम की गति धीमी है। मौसम की स्थिति भी बचाव कार्य के लिए चुनौती बनी हुई है।
पुरानी इमारत और अनधिकृत निर्माण
जांच में पता चला है कि यह स्कूल भवन लगभग एक सदी पुराना था। स्थानीय निवासी बताते हैं कि इमारत की हालत लंबे समय से खराब थी। इसमें बिना किसी अनुमति के निर्माण कार्य चल रहा था। अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या अनधिकृत निर्माण ने इमारत की संरचना को कमजोर कर दिया था।
स्कूल प्रशासन पर इमारत की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, निर्माण कार्य के दौरान ही इमारत ढह गई। इस घटना ने इंडोनेशिया में पुरानी इमारतों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय प्रशासन ने ऐसी अन्य इमारतों की जांच शुरू कर दी है।
परिवारों की बेचैनी
हादसे की जगह पर मौजूद छात्रों के परिवारीजन बेहद चिंतित और बेचैन नजर आ रहे हैं। वे बचाव दल से लगातार अपने बच्चों की जानकारी मांग रहे हैं। कई परिवारों ने अपने बच्चों के लापता होने की सूचना दी है। अधिकारी इन सभी रिपोर्ट्स को दर्ज करके सत्यापित कर रहे हैं।
स्वयंसेवी संगठनों ने हादसे से प्रभावित परिवारों के लिए मदद कैंप लगाए हैं। यहां पर लोगों को भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। मनोवैज्ञानिक भी आघात झेल रहे लोगों की काउंसलिंग कर रहे हैं। स्थानीय अस्पतालों में घायलों का इलाज जारी है।
सरकारी कार्रवाई
इंडोनेशिया सरकार ने इस हादसे को गंभीरता से लिया है। राष्ट्रीय स्तर पर बचाव कार्य को समन्वित किया जा रहा है। सिदोअर्जो के अधिकारी पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। स्कूल इमारतों की सुरक्षा मानकों पर पुनर्विचार की मांग उठने लगी है।
प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इस दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने त्वरित बचाव कार्य और पीड़ित परिवारों के लिए हर संभव मदद का आदेश दिया है।
इस पूरी घटना ने देश में इमारतों की सुरक्षा मानकों पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि पुरानी इमारतों का नियमित निरीक्षण और रखरखाव बेहद जरूरी है। इस तरह के हादसों को रोकने के लिए सख्त नियमों की आवश्यकता है। सरकार ने इस दिशा में कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
