New Delhi News: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इस समय भारी परिचालन संकट से जूझ रही है। गुरुवार को तकनीकी खराबी और स्टाफ की कमी के चलते 100 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं। पिछले दो दिनों में यह आंकड़ा 200 के पार पहुंच गया है। हजारों यात्री एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं और सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। दिल्ली और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों के बीच हवाई किराया 20 हजार रुपये के पार चला गया है।
यात्रियों को हो रही भारी परेशानी
अचानक फ्लाइट कैंसिल होने से यात्रियों का बुरा हाल है। दिल्ली और हैदराबाद एयरपोर्ट पर चेक-इन के लिए लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। यात्रियों को मैन्युअल चेक-इन और सुरक्षा जांच में 40 मिनट तक का अतिरिक्त समय लग रहा है। कई यात्रियों को एयरपोर्ट पहुंचने के बाद उड़ान रद्द होने की जानकारी मिली। एयरलाइन ने खराब मौसम और ऑपरेशनल दिक्कतों को इसकी वजह बताया है।
इन शहरों पर पड़ा सबसे बुरा असर
उड़ान रद्द होने का असर देश के लगभग हर बड़े एयरपोर्ट पर दिखाई दिया। आंकड़ों के मुताबिक, बेंगलुरु में सबसे ज्यादा 42 उड़ानें रद्द की गईं। इसके अलावा दिल्ली में 38, अहमदाबाद में 25 और हैदराबाद में 19 फ्लाइट्स कैंसिल हुईं। इंदौर, सूरत और वाराणसी के यात्रियों को भी इंडिगो की सेवाओं में बाधा का सामना करना पड़ा। कंपनी ने दावा किया है कि अगले 48 घंटों में स्थिति सामान्य हो जाएगी।
पायलट संघ और एयरलाइन के दावे
फ्लाइट कैंसिल होने की असली वजह को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने कहा है कि यह संकट कंपनी की पुरानी गलत नीतियों का नतीजा है। उनके अनुसार, एयरलाइन ने जानबूझकर कम पायलट रखे हैं। वहीं, कंपनी ने इसे अस्थायी सिस्टम खराबी और स्टाफ से जुड़े नए नियमों का असर बताया है।
डीजीसीए के नए नियमों का प्रभाव
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने हाल ही में पायलटों की थकान कम करने के लिए नए नियम लागू किए हैं। अब पायलटों को हफ्ते में 36 के बजाय 48 घंटे का साप्ताहिक आराम अनिवार्य कर दिया गया है। जानकारों का कहना है कि पायलटों के ड्यूटी के घंटे कम होने से एयरलाइंस के पास स्टाफ की कमी हो गई है। अब कंपनियों को हर तीन महीने में पायलटों की थकान और हेल्थ रिपोर्ट भी जमा करनी होगी।
