Mangaluru News: नम्बियो सेफ्टी इंडेक्स मिड-2025 की रिपोर्ट ने भारत के सबसे सुरक्षित शहर का खुलासा किया है। कर्नाटक का तटीय शहर मंगलुरु 74.3 के स्कोर के साथ इस सूची में शीर्ष पर है। यह शहर वैश्विक स्तर पर 50वें स्थान पर पहुंचा है। यह सफलता शहर के कुशल प्रशासन और सक्रिय नागरिक भागीदारी का नतीजा मानी जा रही है।
मंगलुरु ने कम अपराध दर और नागरिकों में सुरक्षा की मजबूत भावना के आधार पर यह उपलब्धि हासिल की है। दिन और रात दोनों समय लोग यहां स्वयं को सुरक्षित महसूस करते हैं। यह रिपोर्ट शहर की प्रभावी कानून व्यवस्था को दर्शाती है। इससे शहर की छवि एक आदर्श स्थान के रूप में उभरकर सामने आई है।
गुजरात के तीन शहरों ने भारत की शीर्ष दस सूची में जगह बनाई है। वडोदरा 69.2 के स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर है। अहमदाबाद 68.2 के स्कोर के साथ और सूरत 66.6 के स्कोर के साथ इस सूची में शामिल हैं। यह राज्य की मजबूत सुरक्षा व्यवस्था को प्रदर्शित करता है।
इन शहरों ने सामुदायिक निगरानी और पुलिस की कुशल भूमिका से सुरक्षा के मानक स्थापित किए हैं। गुजरात के शहर लगातार सुरक्षित स्थानों की सूची में अपना स्थान बनाए हुए हैं। यहां के निवासी भी सार्वजनिक स्थानों पर स्वयं को सुरक्षित पाते हैं।
दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर के शहर सुरक्षा सूचकांक में पीछे हैं। दिल्ली को मात्र 59.03 का स्कोर प्राप्त हुआ है। गाजियाबाद 58.44 और नोएडा 55.1 के स्कोर के साथ और भी निचले पायदान पर हैं। इन शहरों में अपराध दर अधिक बनी हुई है।
महिला सुरक्षा, सड़क अपराध और संपत्ति संबंधी मामले यहां प्रमुख चुनौती बने हुए हैं। ये आंकड़े इन क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करते हैं। नागरिकों के लिए सुरक्षा की भावना यहां कमजोर पाई गई है।
नम्बियो सुरक्षा सूचकांक कैसे तय करता है मापदंड
नम्बियो की रैंकिंग लोगों के वास्तविक अनुभवों पर आधारित होती है। यह आकलन करता है कि लोग अपने दैनिक जीवन में कितना सुरक्षित महसूस करते हैं। इसके लिए दिन और रात के समय की सुरक्षा भावना को महत्वपूर्ण माना जाता है। सर्वे में लोगों की प्रतिक्रियाएं शामिल की जाती हैं।
इस सूचकांक में विभिन्न प्रकार के अपराधों को शामिल किया जाता है। इनमें छीना-झपटी और डकैती जैसे मामले प्रमुख हैं। शारीरिक हमले या उत्पीड़न की घटनाएं भी इसमें देखी जाती हैं। भेदभावपूर्ण व्यवहार का आकलन भी किया जाता है।
संपत्ति संबंधी अपराध और गंभीर हिंसक घटनाएं भी सूचकांक का हिस्सा हैं। इन सभी पैमानों पर शहरों का मूल्यांकन किया जाता है। फिर एक समग्र स्कोर तैयार किया जाता है। इसी के आधार पर शहरों की रैंकिंग तय की जाती है।
वैश्विक स्तर पर भारत को 55.8 के स्कोर के साथ 67वां स्थान मिला है। यह स्कोर देश में सुरक्षा की स्थिति के बारे में एक औसत तस्वीर पेश करता है। हालांकि कुछ शहरों ने बेहतर प्रदर्शन करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। यह रिपोर्ट देश के लिए एक प्रकार का दर्पण है।
यह रिपोर्ट उन क्षेत्रों को highlighted करती है जहां सुधार की आवश्यकता है। साथ ही यह उन शहरों को भी सामने लाती है जो देश के लिए एक मिसाल बन सकते हैं। मंगलुरु जैसे शहरों का मॉडल अन्य शहरों के लिए प्रेरणादायक हो सकता है। इससे शहरी सुरक्षा में समग्र सुधार की उम्मीद बढ़ती है।
