INDIA News: जुलाई 2025 में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति (CPI) घटकर 1.55% रह गई, जो जून 2017 के बाद सबसे कम स्तर है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट और अनुकूल आधार प्रभाव के कारण यह गिरावट देखी गई। यह पहली बार है जब पिछले छह वर्षों में मुद्रास्फीति RBI के 2-6% के सहनशीलता बैंड से नीचे आई है।
खाद्य महंगाई में तेज गिरावट
जुलाई में खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से 1.76% नीचे चली गई, जो जनवरी 2019 के बाद सबसे निचला स्तर है। सब्जियों और दालों की कीमतों में सालाना आधार पर क्रमशः 20.69% और 13.76% की गिरावट दर्ज की गई। मसालों, मांस और मछली के दाम भी कम हुए, जबकि फल और तेल उत्पाद महंगे हुए।
अन्य वस्तुओं की कीमतों में बदलाव
अनाज, दूध, अंडे और चीनी जैसी वस्तुओं की महंगाई दर अपेक्षाकृत कम रही। हालांकि, फलों की कीमतों में 14.42% और तेल-वसा उत्पादों में 19.24% की वृद्धि हुई। ईंधन, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी श्रेणियों में मुद्रास्फीति क्रमशः 2.67%, 4.57% और 4% रही।
RBI की मौद्रिक नीति और बाजार अनुमान
रॉयटर्स के सर्वेक्षण में जुलाई की मुद्रास्फीति 1.76% रहने का अनुमान था, लेकिन यह उससे भी कम रही। RBI ने हाल ही में रेपो रेट 5.50% पर स्थिर रखा था और मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान को “अधिक अनुकूल” बताया था। इस गिरावट से अर्थव्यवस्था में राहत की उम्मीद बढ़ी है।
