Delhi News: भारत शायद दुनिया का एक मात्र ऐसा देश है जहां किसी समुदाय विशेष और उसके सम्माननीय नेताओं के सम्मान की रक्षा के लिए कानून बनाता है, और फिर उसी कानून का पालन नहीं होता। पुलिस से लेकर गृहमंत्रालय और नेताओं से लेकर प्रधानमंत्री तक तमाशा देखते है। लेकिन अपमान करने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती।
आपको बता दें कि ऐसा ही कुछ आजकल Facebook, Youtube, Google और Quora जैसे प्लेटफार्म पर देखने को मिल रहा है। जहां सरेआम भारत के संविधान रचयिता डॉ भीम राव अम्बेडकर का अपमान किया जा रहा है और आम जनता के बीच उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश हो रही है। उनको सरेआम भारत का पहला बलात्कारी लिखजा रहा है और भारत की सरकार डॉ भीम राव अम्बेडकर के सम्मान की रक्षा तक करने को तैयार नहीं है।
क्या कहता है Google| Bharat ka Pahala Balatkari:
आप गूगल पर भारत का पहला बलात्कारी सर्च कर देखो, आपको पहले पांच परिणाम ऐसे मिलेंगे जिनमें संविधान ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष भीम राव अम्बेडकर को भारत का पहला बलात्कारी बताया गया है। अर्थात डॉ भीम राव अम्बेडकर का सरेआम अपमान हो रहा है तथा भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा संशोधित एससी एसटी एक्ट में लिखे कानून की धज्जियां उड़ रही है और पुलिस से लेकर गृहमंत्रालय तक चुप है। तो बड़ा सवाल खड़ा है कि आखिर ऐसा क्यों है?


इन सभी लिंक पर डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर पर बेहद घटिया टिप्पणियां और एक मनघड़ंत कहानी लिखी गई है। जिसका ना कोई आधार है और ना ही कोई सबूत है। लेकिन फिर भी यह कहानियां सरेआम शेयर की जा रही है और कोई कानूनी कार्यवाही नही हो रही। क्या केंद्र सरकार ऐसे अपराधियों पर कोई कार्यवाही नहीं करेगी या फिर यह सब नेताओं की शह पर हो रहा है।
क्या कहता है Facebook | Bharat ka Pahala Balatkari
हमारी टीम ने जब इस बारे फेसबुक पर सर्च किया तो प्रमुख रूप से एक लिंक मिला। जोकि जागो काफिरों नाम के फेसबुक पेज का है। जहां संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष को बलात्कारी बताया जा रहा है। लेखक ने अपनी बात को सही साबित करने के लिए thehistory.medium.com नामक वेबसाइट की न्यूज का एक फेक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है। जब हमारी टीम ने medium.com पर इस बारे छानबीन की तो वहां ऐसा कोई लिंक या न्यूज नही मिली।

इतना ही नही फेसबुक पर एक और पेज LION KING पर भी संविधान निर्माता डॉ भीम राव अंबेडकर को ऐसा आदमी बताया गया है जिस पर पहला बलात्कार का केस दर्ज होने की बात कही गई है। यह पोस्ट फेसबुक पेज पर 21 Aug 2021 को डाली गई है। लेकिन आज दिन तक इस पर भी कोई कानूनी कार्यवाही नही हुई है।

क्या कहता है YouTube | Bharat ka Pahala Balatkari
इस मामले को जब हमारी टीम ने यूट्यूब पर सर्च किया तो पाया कि वहां भी एक ऐसा वीडियो मौजूद है जहां संविधान रचयिता और दलितों के महान नेता डॉ भीम राव अम्बेडकर को आजाद भारत का पहला बलात्कारी बताया गया है जोकि वीडियो के टाइटल में साफ साफ लिखा गया है। लेकिन इस वीडियो में बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के बचाव की बात की गई है और ऐसी न्यूज पर सवाल उठाए गए है। यह वीडियो किसी Bizzre News नाम के यूट्यूब चैनल द्वारा शेयर किया गया है।

क्या कहता है Quora | Bharat ka Pahala Balatkari
डॉक्टर भीम राव अंबेडकर को आजाद भारत का पहला बलात्कारी बताने वालों में Quora सबसे टॉप पर है। जहां सरेआम बेशर्मी की कहानी छापी गई है। जब भी Google पर आजाद भारत का पहला बलात्कारी’ सर्च किया जाता है तो Quora का यह परिणाम सबसे ऊपर देखने को मिलता है। लेकिन यह लिखा किसने और यह कहानी आईं कहां से यह जानकारी कहीं भी उपलब्ध नहीं है। इस प्रश्न पर हजारों लोगों ने जवाब दिए है और यहां रात दिन एक बड़ी बहस देखने की मिलती रहती है।

आज तक शायद ही किसी देश में उस देश के संविधान को लिखने वाले के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार हुआ हो, जैसा भारत में हो रहा है। जहां सरेआम बिना आधार और सबूत संविधान रचयिता को बलात्कारी लिखा जा रहा है और पुलिस से लेकर गृहमंत्रालय, दलित नेताओं से से लेकर राष्ट्रीय नेताओं तक सब मुंह बंद किए बैठे है। उपरोक्त सभी लिंक्स से जाहिर है कि यह सब किसी एक आदमी की ही करतूत है। जिसने खुद लिंक बनाएं और उनको अलग अलग जगह पोस्ट करके उनको आधार बना कर भारतीय संविधान के लेखक को बदनाम करने की साजिश रची है।
पुलिस चाहे तो बेहद आसानी से उस व्यक्ति के बारे पता करके सलाखों के पीछे भेज सकती है लेकिन यहां संविधान की ड्राफ्ट कमेटी के अध्यक्ष के सम्मान के किसी को कोई फिकर नही है। अगर किसी को फिकर होती तो अब तक इस दकियानूसी कहानी के रचनाकार की जिंदगी जेल की सलाखों के पीछे गुजर रही होती।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में किए गए संशोधन के अनुसार किसी भी दलित नेता का अपमान करना अपराध है। एससी एसटी एक्ट की धारा 3(वी) के तहत यह एक गंभीर अपराध है। कानून के अनुसार “अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के सदस्यों द्वारा अति श्रद्धा से माने जाने वाले किसी दिवंगत व्यक्ति का या तो लिखित या मौखिक शब्दों द्वारा या किसी अन्य साधन से अनादर करेगा” उसको गंभीर अपराध माना जाएगा तथा अपराधी को एससी एसटी एक्ट के प्रावधानों के अनुसार दंडित किया जाएगा।
इतना कुछ होने बाबजूद कोई कानूनी कार्यवाही का ना होना सरकार और पुलिस का नकारात्मक रवैया सामने लाता है। आखिर क्यों इस अपराधी को बचाया जा रहा है; यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। क्या दलित वर्ग का ही कर्तव्य है कि वह अंबेडकर के सम्मान की रक्षा करे। क्या सरकार और देश के गृह मंत्रालय का कर्तव्य नही है कि वह संविधान को लिखने वाले और देश के सबसे ज्यादा शिक्षित व्यक्ति तथा भारत रत्न डॉक्टर भीम राव अंबेडकर के सम्मान की रक्षा करे। यह ऐसे सवालहाई जिनका जवाब अभी तक उपलब्ध नहीं है क्योंकि अपराधी सरेआम अपराध कर रहे है और खुलेआम घूम रहे है।