Himachal News: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की मध्यम तेज गेंदबाज रेणुका ठाकुर ने विश्व कप जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी सफलता की नींव कांगड़ा के मैदान में पसीना बहाकर रखी गई थी। वर्ष 2008-09 में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने देश की पहली आवासीय महिला क्रिकेट अकादमी शुरू की थी। इसी अकादमी से रेणुका ठाकुर जैसी प्रतिभाओं को निखारने का मौका मिला।
अकादमी की शुरुआत
तत्कालीन एचपीसीए अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने का निर्णय लिया। उन्होंने प्रदेश में पहली आवासीय महिला क्रिकेट अकादमी शुरू करवाई। इस अकादमी का पहला ट्रायल कांगड़ा के नगर परिषद मैदान में आयोजित किया गया था। इस ट्रायल में कुल 22 युवतियों का चयन किया गया था।
प्रशिक्षण और शिक्षा
चयनित खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी कोच पवन सेन को सौंपी गई। रेणुका ठाकुर समेत सभी युवतियों की पढ़ाई कांगड़ा के जीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हुई। अकादमी ने खिलाड़ियों को क्रिकेट और शिक्षा का बेहतर संतुलन प्रदान किया। यह अकादमी 2011 तक कांगड़ा में संचालित हुई।
प्रबंधन टीम
अनुराग ठाकुर ने अकादमी के संचालन की जिम्मेदारी विशाल शर्मा, विजय शर्मा और असीम अग्रवाल को सौंपी। यह टीम अकादमी के रोजमर्रा के कार्यों को देखती थी। उस समय प्रदेश में महिला क्रिकेटरों की संख्या बहुत कम थी। इस पहल ने महिला क्रिकेट को नई दिशा दी।
सफलता के परिणाम
अकादमी से चयनित 22 युवतियों में से दो खिलाड़ी भारतीय टीम तक पहुंची। रेणुका ठाकुर और सुषमा वर्मा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन किया। सुषमा वर्मा हिमाचल की पहली महिला क्रिकेटर बनीं। यह अकादमी की सफलता का सबूत है।
अकादमी का स्थानांतरण
वर्ष 2011 में अकादमी को कांगड़ा से धर्मशाला स्थानांतरित कर दिया गया। इससे खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिलने लगीं। धर्मशाला का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम प्रशिक्षण के लिए आदर्श स्थान साबित हुआ। इस स्थानांतरण ने प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार किया।
विशेषज्ञों के विचार
एचपीसीए के संयुक्त सचिव विशाल शर्मा ने बताया कि अनुराग ठाकुर की दूरदर्शी सोच ने इस सफलता का मार्ग प्रशस्त किया। पूर्व सचिव असीम अग्रवाल ने कहा कि कांगड़ा में अकादमी का खुलना प्रदेश क्रिकेट के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय शर्मा ने रेणुका ठाकुर को बधाई दी।
महिला क्रिकेट का विकास
इस अकादमी ने महिला क्रिकेट के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बीसीसीआइ द्वारा शुरू की गई महिला क्रिकेट प्रतियोगिताओं ने भी खिलाड़ियों को मंच प्रदान किया। आज हिमाचल की दो खिलाड़ी विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा हैं। यह प्रदेश के लिए गर्व की बात है।
भविष्य की संभावनाएं
इस अकादमी की सफलता ने अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल कायम की है। अब देशभर में ऐसी अकादमियां स्थापित की जा रही हैं। महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए ऐसे प्रयासों की आवश्यकता है। हिमाचल ने इस दिशा में पहल करके इतिहास रच दिया।
