शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

भारतीय महिला क्रिकेट टीम: विश्व कप विजेता रेणुका ठाकुर के पारिवारिक संघर्ष की कहानी

Share

Himachal News: भारतीय महिला क्रिकेट टीम के विश्व कप जीतने के बाद पूरा देश टीम की खिलाड़ियों का गुणगान कर रहा है। टीम की तेज गेंदबाज रेणुका सिंह ठाकुर ने शिमला के रोहड़ू के छोटे से गांव पारसा से इस बड़े मुकाम तक का सफर तय किया है। उनकी इस सफलता के पीछे उनकी मां सुनीता ठाकुर और चाचा भूपेंद्र ठाकुर का अहम योगदान रहा है।

रेणुका सिंह का जन्म दो जनवरी 1996 को हुआ था। महज तीन साल की उम्र में ही उन्होंने अपने पिता केहर सिंह को खो दिया था। उनके पिता जल शक्ति विभाग में कार्यरत थे। पिता की मृत्यु के बाद परिवार की जिम्मेदारी मां सुनीता ठाकुर पर आ गई। उन्हें पति की नौकरी मिली और वह आज भी उसी विभाग में काम करती हैं।

पिता केहर सिंह अपने बेटे विनोद को क्रिकेटर बनाना चाहते थे। वह पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली के प्रशंसक थे। इसीलिए उन्होंने अपने बेटे का नाम विनोद रखा था। विनोद अब जल शक्ति विभाग में पैरा ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं। उनकी शादी साक्षी ठाकुर से हुई है।

चाचा ने पहचाना था रेणुका का टैलेंट

रेणुकाके क्रिकेट सफर में उनके चाचा भूपेंद्र ठाकुर की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही। चाचा ने उन्हें पहली बार गांव के मैदान में खेलते देखा। उनकी प्रतिभा से वह इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने रेणुका को प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया। भूपेंद्र उस समय पीटीई थे और अब वह ठियोग में शिक्षा विभाग में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हैं।

यह भी पढ़ें:  हिमाचल प्रदेश: चुराह में युवक ने कंधे पर उठाकर बाइक पार की दलदल भरी सड़क, वीडियो हुआ वायरल

गांव में मनाया गया जश्न

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक जीत के बाद रेणुका के गांव पारसा में जश्न का माहौल था। उनके घर पर देर रात तक नाटियों का दौर चलता रहा। गांव वालों ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर जमकर नाटी डाली। इस मौके पर गांव वालों के लिए पारंपरिक हिमाचली धाम भी परोसी गई।

रेणुका की मां सुनीता ठाकुर, भाई विनोद ठाकुर और भाभी साक्षी ठाकुर ने भी नाटी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पूरे गांव में ऐसा माहौल था मानो कोई बड़ा त्योहार मनाया जा रहा हो। हर कोई अपनी बेटी की उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहा था।

सरकार ने की एक करोड़ रुपये की घोषणा

हिमाचल प्रदेश सरकार नेरेणु का ठाकुर के सम्मान में एक करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। रेणुका ने मुख्यमंत्री से बातचीत के दौरान सरकारी नौकरी की मांग भी रखी थी। वह इससे पहले भी मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर मिल चुकी हैं।

यह भी पढ़ें:  दुर्घटना: हाई-टेंशन लाइन से करंट लगने से कर्मचारी की मौत, सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल

रेणुका सिंह दाएं हाथ की तेज गेंदबाज हैं। उन्होंने साल 2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू मैच खेला था। अब तक वह भारत के लिए 27 वनडे और 54 टी-20 मैच खेल चुकी हैं। वनडे में उन्होंने 41 विकेट हासिल किए हैं।

टी-ट्वेंटी में रेणुका ने 58 विकेट झटके हैं। उन्होंने अब तक तीन टेस्ट मैच भी खेले हैं। वह अपनी किफायती गेंदबाजी के लिए जानी जाती हैं। उनकी गेंदबाजी ने कई महत्वपूर्ण मैचों में भारतीय टीम को जीत दिलाने में मदद की है।

रेणुका का सफर एक छोटे से गांव से शुरू हुआ और आज वह दुनिया भर में पहचानी जाती हैं। उनकी कहानी हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह साबित करती है कि मेहनत और लगन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

उनके परिवार ने हर कदम पर उनका साथ दिया। मां ने तो पिता की मृत्यु के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी संभाली। चाचा ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और आगे बढ़ाया। भाई और भाभी ने भी हमेशा उनका सहयोग किया।

Read more

Related News