शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

भारतीय छात्र: विदेश में पढ़ाई का क्रेज, 18 लाख पहुंचा आंकड़ा, कइयों को लौटना पड़ा वतन

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New Delhi News: विदेश में पढ़ाई का सपना देखने वाले भारतीय छात्र अब रिकॉर्ड संख्या में बाहर जा रहे हैं। सरकार ने संसद में बताया कि अभी 18.82 लाख छात्र दूसरे देशों में पढ़ रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा भीड़ कनाडा और अमेरिका में है। हालांकि, वीजा नियमों की अनदेखी के कारण सैकड़ों छात्रों को वापस भी भेजा गया है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने यह ताजा जानकारी दी है।

कनाडा और अमेरिका पहली पसंद

आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय छात्र दुनिया के करीब 153 देशों में मौजूद हैं। सबसे ज्यादा 4.27 लाख छात्र कनाडा में पढ़ाई कर रहे हैं। अमेरिका दूसरे नंबर पर है, जहां 2.55 लाख छात्र हैं। इसके अलावा यूएई में 2.53 लाख और ऑस्ट्रेलिया में 1.96 लाख छात्र हैं। यूके में भी 1.73 लाख भारतीय अपनी डिग्री पूरी कर रहे हैं।

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मेडिकल के लिए छोटे देश भी लिस्ट में

सिर्फ बड़े देश ही नहीं, छोटे देशों में भी भारतीय छात्र खूब जा रहे हैं। आर्मेनिया, जॉर्जिया, किर्गिस्तान और साइप्रस जैसे देशों में भी छात्रों की अच्छी तादाद है। यहां छात्र मुख्य रूप से मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं। कम फीस और आसान प्रवेश प्रक्रिया इसके पीछे बड़ी वजह है।

सैकड़ों छात्रों को भेजा गया वापस

सरकार ने निर्वासन (Deportation) के आंकड़े भी पेश किए। पिछले पांच सालों में कई देशों ने भारतीय छात्र को वापस भेजा है।

  • यूके: 170 छात्र निर्वासित हुए।
  • ऑस्ट्रेलिया: 114 छात्रों को वापस भेजा गया।
  • रूस: 82 छात्रों पर कार्रवाई हुई।
  • अमेरिका: 45 छात्रों को लौटना पड़ा।
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इसके अलावा जॉर्जिया ने 17 और यूक्रेन ने 13 छात्रों को निकाला। मंत्री ने बताया कि वीजा नियमों का पालन न करना इसका मुख्य कारण था।

सुरक्षा के लिए सरकार अलर्ट

मंत्रालय भारतीय छात्र के हितों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। सरकार नियमित रूप से छात्रों के संपर्क में रहती है। फर्जी यूनिवर्सिटी और कोर्स से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की जाती है। संकट के समय ‘ऑपरेशन गंगा’ और ‘ऑपरेशन कावेरी’ जैसे मिशन चलाकर छात्रों को सुरक्षित लाया गया है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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