New Delhi News: देश की करेंसी अब वैश्विक स्तर पर अपनी ताकत दिखा रही है। भारतीय रुपया अब दुनिया के 34 देशों में स्वीकार किया जा रहा है। पहले यह आंकड़ा सिर्फ 18 देशों तक सीमित था। यह बदलाव भारत की मजबूत होती अर्थव्यवस्था का बड़ा सबूत है। आरबीआई के अधिकारियों ने निर्यातकों के साथ हुई बैठक में यह जानकारी साझा की है।
डॉलर पर निर्भरता होगी कम
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से वैश्विक बाजार बदल रहा है। कई देश डॉलर पर अपनी निर्भरता कम करना चाहते हैं। भारतीय रुपया में व्यापार बढ़ने से एक्सचेंज का खर्च काफी कम हो जाएगा। लेनदेन सीधे अपनी मुद्रा में होने से डॉलर की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर नहीं पड़ेगा। इससे भारतीय कंपनियों को ग्लोबल मार्केट में पैर जमाने में आसानी होगी।
अमेरिका और ब्रिटेन भी लिस्ट में शामिल
भारत का व्यापारिक दायरा एशिया से लेकर यूरोप और अमेरिका तक फैल गया है। फॉरेक्स एक्सचेंज डीलर एसोसिएशन (FEDAI) के आंकड़ों ने सबको चौंका दिया है। अब रूस, अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे विकसित देश भी भारत के साथ रुपये में व्यापार कर रहे हैं।
इन देशों में भी चलेगा रुपया
इस लिस्ट में कई महत्वपूर्ण देश शामिल हो चुके हैं। इनमें ऑस्ट्रेलिया, यूएई, सिंगापुर, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे बड़े नाम हैं। इसके अलावा पड़ोसी देश बांग्लादेश, श्रीलंका और म्यांमार भी भारतीय रुपया में कारोबार कर रहे हैं। इससे आयात और निर्यात की प्रक्रिया पहले से काफी सरल और सस्ती हो गई है।
