New Delhi/Shimla News: हिमाचल प्रदेश में भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेल परियोजना मुश्किल में फंस गई है। Indian Railways मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि राज्य सरकार ने अपने हिस्से का भुगतान नहीं किया है। हिमाचल सरकार पर अभी 1,843 करोड़ रुपये बकाया हैं। फंड समय पर न मिलने के कारण इस 63 किलोमीटर लंबी लाइन का निर्माण कार्य धीमा पड़ गया है।
फंड की कमी से निर्माण पर असर
यह परियोजना लागत साझा मॉडल पर चल रही है। रेल मंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की सुस्ती से प्रोजेक्ट की रफ्तार पर ब्रेक लगा है। इस लाइन के लिए कुल 124.02 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। इसमें से 82 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। अब तक इस प्रोजेक्ट पर 5,252 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। केंद्र सरकार काम में तेजी लाना चाहती है, लेकिन इसके लिए राज्य का आर्थिक सहयोग बेहद जरूरी है।
बिलासपुर-मनाली-लेह लाइन की डीपीआर तैयार
मंत्री ने बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन पर भी बड़ा अपडेट दिया। रक्षा मंत्रालय ने 489 किलोमीटर लंबी इस लाइन को रणनीतिक तौर पर अहम माना है। इसका सर्वे पूरा कर लिया गया है। Indian Railways ने इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भी तैयार कर ली है। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1,31,000 करोड़ रुपये है। यह लाइन भविष्य में हिमाचल और लद्दाख के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।
नंगल डैम-तलवाड़ा सेक्शन का हाल
अश्विनी वैष्णव ने नंगल डैम-ऊना-तलवाड़ा लाइन की स्थिति भी साफ की। नंगल डैम से दौलतपुर चौक तक का 60 किलोमीटर हिस्सा जनवरी 2019 से चालू है। वहीं, दौलतपुर चौक से तलवाड़ा (52 किमी) के बीच निर्माण कार्य चल रहा है। इस पर अब तक 2,568 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। मंत्री ने दोहराया कि परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए राज्यों की वित्तीय भागीदारी अनिवार्य है।
