शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

भारतीय न्याय संहिता: महिलाओं की निजता का वीडियो बनाना है अपराध, जानें BNS की धारा, प्रावधान और सजा

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India News: एक जुलाई 2024 से लागू भारतीय न्याय संहिता में महिलाओं की गरिमा और निजता की सुरक्षा के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। नए कानून के तहत महिलाओं के कपड़े बदलने, सोने या चलने का वीडियो बनाना अपराध माना जाएगा। खास बात यह है कि अब महिला द्वारा महिला का अश्लील वीडियो बनाना भी दंडनीय अपराध होगा। पहले केवल पुरुषों के लिए ही ऐसे प्रावधान थे।

धारा 73 में निजता का विशेष संरक्षण

भारतीय न्याय संहिता की धारा 73 ने पुराने आईपीसी की धारा 354 सी का स्थान लिया है। यह धारा ‘दृश्य ग्रहण’ या अश्लील चित्रण से संबंधित है। नए प्रावधान के तहत दो कार्यों को अपराध माना गया है। पहला, किसी महिला का निजी कार्य करते समय उसकी फोटो या वीडियो बनाना। दूसरा, ऐसी फोटो या वीडियो को किसी भी माध्यम से प्रकाशित या वितरित करना।

महिला भी हो सकती है अपराधी

नए कानून में अपराधी के लिंग का कोई महत्व नहीं है। धारा 73 में ‘कोई व्यक्ति’ शब्द का प्रयोग किया गया है। इसका मतलब है कि यदि कोई महिला दूसरी महिला की अश्लील या निजी तस्वीरें खींचती है तो वह भी दंड की भागीदार होगी। यह प्रावधान पारिवारिक कलह, प्रतिशोध या ब्लैकमेलिंग के मामलों में विशेष रूप से प्रासंगिक है।

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कैद और जुर्माने का प्रावधान

धारा 73 के तहत सजा को दो श्रेणियों में बांटा गया है। पहली बार दोषी पाए जाने पर कम से कम एक साल की कैद का प्रावधान है। इसकी अधिकतम सीमा तीन साल तक हो सकती है। दूसरी बार या बाद की दोषसिद्धि पर कम से कम तीन साल की कैद होगी। इसकी अधिकतम सीमा सात साल तक बढ़ाई जा सकती है। दोनों ही स्थितियों में जुर्माना भी लगाया जाएगा।

गैर-जमानती और असंज्ञेय अपराध

यह अपराध गैर-जमानती और असंज्ञेय श्रेणी में आता है। इसका मतलब है कि पुलिस बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार कर सकती है। गिरफ्तारी के बाद जमानत मिलना आसान नहीं होगा। यह प्रावधान अपराध की गंभीरता को दर्शाता है। नए कानून का उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ होने वाले साइबर अपराधों पर अंकुश लगाना है।

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निजी कार्य की परिभाषा

कानून में निजी कार्य को विस्तार से परिभाषित किया गया है। इसमें वे सभी कार्य शामिल हैं जहां किसी व्यक्ति को अकेले होने की उम्मीद हो। कपड़े बदलना, सोना, बैठना या अन्य व्यक्तिगत गतिविधियां इसके दायरे में आती हैं। ऐसी स्थितियों में बिना सहमति के फोटो या वीडियो बनाना कानूनन अपराध है।

भारतीय न्याय संहिता के इन प्रावधानों से महिलाओं की निजता के अधिकार को मजबूती मिलेगी। डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों के मद्देनजर यह कानून महत्वपूर्ण साबित होगा। यह कानून महिलाओं को सार्वजनिक और निजी स्थानों पर सुरक्षा का अधिकार प्रदान करता है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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