शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

भारतीय ड्रोन टेक्नोलॉजी: जैमर के बीच भी जासूसी करने में सक्षम होंगे स्वदेशी ड्रोन

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Defence News: भारतीय रक्षा कंपनियां अब अत्याधुनिक ड्रोन तैयार कर रही हैं। ये ड्रोन युद्ध के दौरान जैमर लगे स्थानों पर भी बिना संपर्क टूटे जासूसी करने में सक्षम होंगे। हाल ही में एक व्यापार मेले के रक्षा मंडप में इन नवीनतम तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार भारत अब सैन्य शक्ति में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

रक्षा क्षेत्र में काम कर रही भारतीय कंपनियां बदलती युद्ध शैली के अनुरूप हथियारों में तकनीकी सुधार कर रही हैं। भारतीय सेना के पास आधुनिक उपकरण मौजूद हैं लेकिन नई चुनौतियों के लिए और उन्नत तकनीक की आवश्यकता है। भारत को अन्य देशों से दो कदम आगे रहने की जरूरत है।

स्वदेशी ड्रोन सिस्टम की खासियत

भारतीय रक्षाप्रौद्योगिकी कंपनी ने कई advanced drone systems विकसित किए हैं। इनमें आत्मघाती बमवर्षक ड्रोन, पीटी-फोर कॉम्बैट ड्रोन और ऐरावत मल्टी-रोल ड्रोन शामिल हैं। ये सभी ड्रोन उच्च सटीकता और ऑटोमैटिक टारगेटिंग सिस्टम से लैस हैं। इनमें उन्नत सेंसर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।

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ये ड्रोन भारतीय सेना की क्षमता को कई गुना बढ़ा सकते हैं। सेना इनका उपयोग निगरानी और दुश्मन के लक्ष्यों को निष्प्रभावी करने के लिए करेगी। जैमिंग वातावरण में भी ये ड्रोन काम करने में सक्षम होंगे। इससे सीमा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।

हल्के हथगोले और आधुनिक हथियार

व्यापार मेलेमें हल्के वजन वाले आधुनिक हथगोले भी प्रदर्शित किए गए। इन्हें विशेष रूप से सैनिकों के कंधे पर वजन कम करने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है। पुराने हैंड ग्रेनेड को अपग्रेड कर नया रूप दिया गया है। नए हथगोले हल्के होने के बावजूद अधिक शक्तिशाली हैं।

भारतीय सेना इन हथगोलों का प्रयोग दोहरे उद्देश्य के लिए कर रही है। इनसे दुश्मन को डराने और लक्ष्य को निष्क्रिय करने में मदद मिलती है। यह तकनीकी उन्नयन भारत की बढ़ती रक्षा क्षमता को दर्शाता है। सेना के लिए हथियारों का निरंतर modernization जारी है।

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आत्मनिर्भर भारत की झलक

रक्षामंडप में प्रदर्शित उत्पाद आत्मनिर्भर भारत की उभरती सैन्य शक्ति को दर्शाते हैं। अब बड़ी संख्या में आधुनिक हथियार भारत में ही डिजाइन और निर्मित किए जा रहे हैं। इससे रक्षा क्षेत्र में आयात पर निर्भरता कम हो रही है। स्वदेशी नवाचारों को बढ़ावा मिल रहा है।

भारतीय कंपनियां वैश्विक मानकों के अनुरूप उत्पाद विकसित कर रही हैं। यह रक्षा निर्माण में भारत की बढ़ती क्षमता का प्रमाण है। सेना की आवश्यकताओं के अनुरूप हथियारों का विकास किया जा रहा है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होगी।

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