India News: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से धरती पर लौट रहे हैं। स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल सोमवार शाम 4:45 बजे (IST) ISS से अनडॉक हो चुका है। यह मंगलवार, 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे (IST) कैलिफोर्निया तट पर प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन करेगा। शुभांशु 41 साल बाद अंतरिक्ष में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय हैं।
22.5 घंटे की वापसी यात्रा
ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट अब पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। अनडॉकिंग के बाद यह कई डिपार्चर बर्न्स करेगा ताकि ISS से सुरक्षित दूरी बनाए। इसकी 22.5 घंटे की यात्रा में 1600 डिग्री सेल्सियस तक तापमान का सामना करने के लिए हीट शील्ड और पैराशूट का उपयोग होगा। स्प्लैशडाउन के बाद शुभांशु और अन्य अंतरिक्ष यात्री सात दिन के रीहैबिलिटेशन में रहेंगे ताकि गुरुत्वाकर्षण में ढल सकें।
भारत के लिए ऐतिहासिक पल
शुभांशु शुक्ला ने ISS पर 18 दिन बिताए और सात भारतीय प्रयोग किए। ये प्रयोग माइक्रोग्रैविटी में भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। उनकी उपलब्धि भारत के गगनयान मिशन की तैयारी में अहम है। शुभांशु ने कहा, “आज का भारत अंतरिक्ष से महत्वाकांक्षी और गर्व से भरा दिखता है।” उनकी यह यात्रा राकेश शर्मा के बाद भारत के लिए गौरव का क्षण है।
परिवार का इंतजार और गर्व
लखनऊ में शुभांशु का परिवार उनकी सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रहा है। उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा कि वह बेटे को गले लगाने को बेकरार हैं। उनकी मां आशा देवी ने भगवान शिव से सलामती की प्रार्थना की। बहन सुचि ने बताया कि स्प्लैशडाउन को लेकर उत्साह है। शुभांशु ने वीडियो कॉल पर परिवार को अंतरिक्ष से धरती की झलक दिखाई थी।
वैज्ञानिक उपलब्धियां और भविष्य
Axiom-4 मिशन में शुभांशु और उनके साथी पेगी व्हिटसन, स्लावोस उज़्नांस्की, और तिबोर कपू ने 60 से अधिक प्रयोग किए। इनमें माइक्रोएल्गी और बीजों पर शोध शामिल था, जो अंतरिक्ष में भोजन और ऑक्सीजन के लिए उपयोगी हो सकता है। यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए ऐतिहासिक रहा। शुभांशु की वापसी भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
