Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर में कड़ाके की ठंड के बीच भारतीय सेना ने अपनी रणनीति पूरी तरह बदल दी है। सेना ने डोडा और किश्तवार में शीतकालीन अभियान तेज कर दिए हैं। इसका मुख्य लक्ष्य बचे हुए आतंकियों को खदेड़ना है। यह विशेष अभियान ‘चिल्लई कलां’ यानी सबसे भीषण सर्दी के दौरान चलाया जा रहा है। भारतीय सेना ने बर्फ से ढके पहाड़ों और घाटियों में जवानों की तैनाती बढ़ा दी है। अब आतंकियों के लिए घुसपैठ करना या छिपना नामुमकिन होगा।
ऊंचे पहाड़ों पर सेना का कड़ा पहरा
सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना की टुकड़ियां अब ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं पर आक्रामक गश्त कर रही हैं। इसका मकसद आतंकियों को किसी भी तरह की राहत या ठिकाना न मिल सके। सेना ने जवानों को आधुनिक निगरानी तकनीक और विशेष विंटर गियर से लैस किया है। अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती से सुरक्षा चक्र और मजबूत हुआ है।
सुरक्षा बलों का संयुक्त एक्शन
भारतीय सेना अकेले नहीं, बल्कि अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और विशेष अभियान दल शामिल हैं। वन रक्षकों और ग्राम रक्षा रक्षकों (वीडीजी) का भी सहयोग लिया जा रहा है। खुफिया नेटवर्क और जमीनी यूनिट्स के बीच शानदार तालमेल है। इससे किसी भी सूचना पर तुरंत और सटीक कार्रवाई हो रही है।
35 आतंकी अब भी राडार पर
ताजा जानकारी के मुताबिक, जम्मू क्षेत्र में अभी भी 30 से 35 आतंकी सक्रिय हैं। भारतीय सेना की सख्ती के कारण ये आतंकी ऊंचे या मध्य पर्वतीय इलाकों में भाग गए हैं। ये आतंकी जिंदा रहने के लिए ग्रामीणों से जबरन खाना और पनाह मांग रहे हैं। सेना ने इन रास्तों पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है।
दुश्मन को घेरने की नई रणनीति
सेना की नई रणनीति बेहद आक्रामक है। सैनिक पहले जमीनी गश्त से इलाके को सुरक्षित करते हैं। इसके बाद वहां निरंतर निगरानी रखी जाती है। इससे आतंकियों की वापसी या गतिविधि पूरी तरह रुक जाती है। प्रमुख स्थानों पर विशेष रूप से प्रशिक्षित ‘विंटर वारफेयर’ यूनिट्स तैनात हैं। ये जवान भारी बर्फबारी और हिमस्खलन के बीच भी लड़ने में माहिर हैं।
ड्रोन और थर्मल कैमरों से निगरानी
भारतीय सेना इस सर्दी में तकनीक का भरपूर इस्तेमाल कर रही है। शीतकालीन ग्रिड को मजबूत करने के लिए ड्रोन से टोही ली जा रही है। इसके अलावा जमीनी सेंसर और निगरानी रडार लगाए गए हैं। थर्मल इमेजिंग कैमरों से रात के अंधेरे और कोहरे में भी आतंकियों पर नजर रखी जा रही है।
