Punjab News: पंजाब के फिरोजपुर में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 10 वर्षीय श्रवण सिंह ने भारतीय सेना के जवानों को चाय, पानी और लस्सी पहुंचाकर बहादुरी दिखाई। भारतीय सेना ने उनकी इस नन्ही सेवा को सलाम किया। गोल्डन एरो डिवीजन ने श्रवण की शिक्षा का पूरा खर्च उठाने का ऐलान किया। फिरोजपुर छावनी में लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने उन्हें सम्मानित किया। यह कदम सेना की सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाता है।
तपती गर्मी में जवानों की मदद
फिरोजपुर के तारा वाली गांव का श्रवण सिंह चौथी कक्षा का छात्र है। मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तनाव और भीषण गर्मी के बीच उसने जवानों को पानी, बर्फ, दूध और लस्सी पहुंचाई। बिना किसी के कहे उसने यह काम शुरू किया। गोलियों की आवाज के बावजूद उसका साहस नहीं डगमगाया। उसके पिता सोना सिंह ने बताया कि श्रवण ने पहले दिन से जवानों की मदद की। उसका यह जज्बा प्रेरणादायक है।
सेना ने किया सम्मान
मई में 7वीं इन्फैंट्री डिवीजन के मेजर जनरल रणजीत सिंह मानराल ने श्रवण को सम्मानित किया था। उसे मोमेंटो और उसकी पसंदीदा आइसक्रीम दी गई। रविवार को फिरोजपुर छावनी में लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने गोल्डन एरो डिवीजन की ओर से श्रवण की शिक्षा का खर्च उठाने की घोषणा की। भारतीय सेना ने कहा कि श्रवण जैसे नन्हे नायक देश के लिए प्रेरणा हैं। उसका यह योगदान सेना-नागरिक एकता को दर्शाता है।
श्रवण का सपना
श्रवण सिंह का सपना बड़ा होकर भारतीय सेना में शामिल होना है। उसने कहा कि वह देश की सेवा करना चाहता है। उसके पिता सोना सिंह ने गर्व जताते हुए बताया कि श्रवण ने अपनी मर्जी से जवानों की मदद की। तारा वाली गांव, जो भारत-पाकिस्तान सीमा से दो किलोमीटर दूर है, में उसकी बहादुरी की चर्चा है। सेना ने उसे “सबसे छोटा योद्धा” करार दिया। यह सम्मान देश के युवाओं को प्रेरित करेगा।
