New Delhi News: भारत ने अपने आंतरिक मामलों में दखल देने पर पाकिस्तान (Pakistan) को करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने भारत में अल्पसंख्यकों पर पाकिस्तान की हालिया टिप्पणियों को सिरे से खारिज कर दिया। भारत ने साफ कहा कि पड़ोसी मुल्क जानबूझकर ऐसे बयान दे रहा है। यह पाकिस्तान की अपने खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड से दुनिया का ध्यान भटकाने की एक साजिश है।
भारत का पलटवार: पहले अपना रिकॉर्ड देखो
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने भारत में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हम ऐसे देश की बातों को नहीं मानते जिसका खुद का रिकॉर्ड दागदार है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होने वाले जुल्म किसी से छिपे नहीं हैं। भारत ने स्पष्ट किया कि दूसरे पर झूठे आरोप लगाकर पाकिस्तान अपनी सच्चाई नहीं छिपा सकता।
पाकिस्तान ने क्या आरोप लगाए थे?
पाकिस्तानी प्रवक्ता अंद्राबी ने मीडिया से बातचीत में भारत में क्रिसमस के दौरान हुई घटनाओं का जिक्र किया था। उन्होंने इसे “धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने” वाला बताया। पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी इस पर दखल देने की मांग की। उन्होंने मोहम्मद अखलाक केस और घरों को ढहाने जैसी घटनाओं का हवाला देकर भारत को घेरने की कोशिश की थी।
दिसंबर की घटनाओं पर सियासत
पाकिस्तान की यह टिप्पणी भारत में दिसंबर महीने में हुई कुछ घटनाओं के बाद आई। केरल, मध्य प्रदेश और असम जैसे राज्यों में झड़प की खबरें मिली थीं। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 24 दिसंबर को ‘बंद’ के दौरान एक मॉल में तोड़फोड़ हुई थी। यह हंगामा कथित धर्मांतरण के विरोध में हुआ था। हालांकि, भारत ने इन मुद्दों को अपना आंतरिक मामला बताते हुए पाकिस्तान की नसीहत को ठुकरा दिया है।
