New Delhi News: भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर चल रहे मतभेदों में सकारात्मक संकेत मिले हैं। भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि अमेरिका जल्द ही भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए 25% अतिरिक्त पेनल्टी टैरिफ को हटा सकता है। साथ ही भारत का जवाबी शुल्क भी कम होने की संभावना है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार के अनुसार यह अतिरिक्त शुल्क राजनीतिक कारणों से लगाया गया था। हाल के घटनाक्रम को देखते हुए संभावना है कि 30 नवंबर के बाद यह लागू नहीं रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह उनका निजी अनुमान है और इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है।
वर्तमान टैरिफ संरचना और संभावित बदलाव
अमेरिका ने पहले भारत पर 25% टैरिफ लगाया था। रूस से कच्चा तेल खरीदने पर अतिरिक्त 25% टैरिफ और लगा दिया गया। इससे भारत पर कुल 50% टैरिफ लागू हो गया। अगर पेनल्टी टैरिफ हटता है तो यह घटकर फिर से 25% रह जाएगा।
भारत का जवाबी शुल्क भी घट सकता है। वर्तमान में यह शुल्क काफी अधिक है। टैरिफ हटने की स्थिति में यह केवल 10%-15% तक रह सकता है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ने की उम्मीद है।
भारत-अमेरिका बातचीत में प्रगति
ट्रेड डील और टैरिफ पर दोनों देशों के बीच पहले बातचीत अटक गई थी। हाल ही में अमेरिकी प्रतिनिधियों का भारत दौरा हुआ। दिल्ली में इस पर विस्तृत चर्चा हुई। दोनों देशों ने इस बातचीत को सकारात्मक बताया है।
इससे संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही व्यापार समझौते पर कोई रास्ता निकल सकता है। दोनों देश तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में सुधार की उम्मीद है।
प्रभावित औद्योगिक क्षेत्र
टैरिफ की वजह से भारत का निर्यात अमेरिका में प्रभावित हुआ है। कई प्रमुख क्षेत्रों को नुकसान हुआ है। टेक्सटाइल और गारमेंट्स सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
जेम्स एंड ज्वेलरी उद्योग को भी चुनौती मिली है। केमिकल्स और लेदर गुड्स का निर्यात भी प्रभावित हुआ है। सीफूड एक्सपोर्ट को भी टैरिफ से नुकसान हुआ है। इन क्षेत्रों में राहत मिलने की उम्मीद है।
भविष्य की संभावनाएं
व्यापार विशेषज्ञ इस को सकारात्मक मान रहे हैं। दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ने की उम्मीद है। निवेश के नए अवसर पैदा हो सकते हैं।
अमेरिका भारत का प्रमुख व्यापारिक साझेदार है। द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगी। आने वाले समय में और सहमति बनने की उम्मीद है।
