शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

भारत-अमेरिका व्यापार समझौता: गाय के दूध पर क्यों अटकी बात? जानें क्या है भारत की शर्तें

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Delhi News: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की चर्चा एक अनोखे मुद्दे पर आकर रुक गई है। भारत ने अमेरिकी डेयरी उत्पादों के आयात को सख्ती से मना कर दिया है। इसका कारण है गायों को खिलाया जाने वाला पशु-आधारित चारा, जिसमें मांस और रक्त शामिल हो सकता है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे दूध या डेयरी उत्पादों को देश में आने की अनुमति नहीं मिलेगी, जब तक उनके साथ यह प्रमाणपत्र न हो कि गायों को केवल शाकाहारी चारा दिया गया है।

धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता का सवाल

भारत में गाय को पवित्र माना जाता है, और दूध का उपयोग न केवल भोजन में, बल्कि धार्मिक अनुष्ठानों में भी होता है। भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि आयातित डेयरी उत्पादों को सख्त प्रमाणीकरण से गुजरना होगा। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि दूध उन गायों से हो, जिन्हें मांस, रक्त या अन्य पशु-आधारित चारा न दिया गया हो। अमेरिका में गायों को सस्ते प्रोटीन के लिए अक्सर सूअर, मुर्गी, मछली या घोड़े की चर्बी और खून से बना चारा खिलाया जाता है। भारत का यह रुख सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों की रक्षा के लिए है।

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अमेरिका ने उठाया विश्व व्यापार संगठन में मुद्दा

अमेरिका ने भारत की इस शर्त को व्यापार में अनावश्यक बाधा करार दिया है। उसने इस मुद्दे को विश्व व्यापार संगठन (WTO) में उठाया है। अमेरिका का कहना है कि भारत का सख्त प्रमाणीकरण नियम व्यापार समझौते को जटिल बना रहा है। इसके बावजूद, भारत ने अपनी स्थिति पर कायम रहने का फैसला किया है। भारत का मानना है कि यह शर्त न केवल आर्थिक, बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी जरूरी है।

डेयरी क्षेत्र और किसानों पर खतरा

भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। इसका डेयरी क्षेत्र अर्थव्यवस्था में 3% का योगदान देता है, जिसका मूल्य करीब 9 लाख करोड़ रुपये है। इस क्षेत्र में ज्यादातर छोटे और सीमांत किसान काम करते हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी डेयरी उत्पादों के आयात से भारत को हर साल 1.03 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। यह नुकसान न केवल अर्थव्यवस्था, बल्कि लाखों किसानों की आजीविका को भी प्रभावित कर सकता है।

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ट्रंप की उम्मीदें और भारत की प्राथमिकताएं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा कि भारत और अमेरिका एक व्यापक व्यापार समझौते के करीब हैं। उन्होंने इंडोनेशिया के साथ हुए समझौते का उदाहरण देते हुए कहा कि वह भारत के साथ भी ऐसा ही समझौता चाहते हैं, जिसमें अमेरिकी उत्पादों को भारतीय बाजार में पूरी पहुंच मिले। हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपने किसानों और सांस्कृतिक मूल्यों की कीमत पर कोई समझौता नहीं करेगा। व्यापार समझौते की बातचीत सितंबर-अक्टूबर तक पहले चरण को पूरा करने की दिशा में बढ़ रही है, लेकिन डेयरी क्षेत्र का मुद्दा अभी भी सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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