New Delhi News: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर मंगलवार को हुई बैठक सात घंटे तक चली। दोनों देशों के बीच यह वार्ता सकारात्मक रही और टैरिफ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर आगे भी चर्चा जारी रखने का निर्णय लिया गया। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चीफ नेगोशिएटर ब्रेंडन लिंच ने किया जबकि भारत की ओर से एडिशनल सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल ने भाग लिया।
वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते के विभिन्न पहलुओं पर सार्थक और दूरदर्शी चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने समझौते को शीघ्र पूरा करने के लिए प्रयास तेज करने का संकल्प व्यक्त किया। यह बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई थी।
भारत की प्रमुख मांगें
भारत नेटैरिफ संबंधी मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका में भारतीय छोटे और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रावधानों की मांग की। व्यापार तनाव कम करने के उपायों पर भी विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।
अमेरिका की अपेक्षाएं
अमेरिकाने भारतीय बाजार में कृषि और डेयरी उत्पादों की पहुंच बढ़ाने पर जोर दिया। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने अपने कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए भारतीय बाजार में बेहतर पहुंच की इच्छा व्यक्त की। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच लंबे समय से वार्ता चल रही है।
वार्ता में भाग लेने के लिए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के अधिकारियों का एक दल 16 सितंबर को भारत पहुंचा था। यह दल विशेष रूप से द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा करने के लिए भारत आया था। दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों की समीक्षा भी की गई।
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने सौहार्दपूर्ण संबंधों का उल्लेख किया था। उन्होंने पीएम मोदी को अपना करीबी दोस्त बताया था और भविष्य में मुलाकात की इच्छा जताई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस प्रस्ताव का स्वागत किया था।
इस बैठक को द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए यह वार्ता महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। आगामी बैठक में इन मुद्दों पर और प्रगति की उम्मीद की जा रही है।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल अब वापस चला गया है लेकिन जल्द ही अगली बैठक आयोजित की जाएगी। दोनों पक्षों ने आपसी हित के मुद्दों पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया है। भविष्य में होने वाली वार्ताओं में और अधिक ठोस परिणाम की अपेक्षा की जा रही है।
