शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

India-US Relations: अमेरिका ने जब भी भारत से पंगा लिया तब मुंह की खाई, जानें इतिहास की 10 बड़ी घटनाएं

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International News: डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की। यह भारत-अमेरिका संबंध में नया तनाव ला सकता है। पहले दोनों देशों की दोस्ती की मिसाल थी। ट्रंप ने पीएम मोदी को टफ निगोशिएटर कहा था। अब टैरिफ से रिश्तों में खटास आई। भारत ने ऐतिहासिक रूप से अमेरिकी दबाव का डटकर मुकाबला किया। ट्रंप का टैरिफ 7 अगस्त से लागू होगा। भारत संयम बरत रहा है।

1962-65: गेहूं आपूर्ति विवाद

1965 में अमेरिका ने भारत को गेहूं आपूर्ति रोकने की धमकी दी। यह भारत-पाक युद्ध के दौरान था। तत्कालीन पीएम लाल बहादुर शास्त्री ने इसे ठुकराया। भारत ने गेहूं लेने से इनकार किया। भारत-अमेरिका संबंध तनावपूर्ण रहे, लेकिन भारत ने स्वायत्तता बनाए रखी। शास्त्री ने खाद्य सुरक्षा पर जोर दिया। यह घटना भारत की दृढ़ता को दर्शाती है। अमेरिका को अपनी नीति बदलनी पड़ी। विदेश मंत्रालय के रिकॉर्ड इसका उल्लेख करते हैं।

1971: भारत-पाक युद्ध

1971 में भारत ने पाकिस्तान को हराया। अमेरिका ने पाकिस्तान का साथ दिया। उसने चीन को भारत पर हमला करने के लिए उकसाया। रूस ने भारत का समर्थन किया। अमेरिकी जहाज यूएसएस इंटरप्राइज बंगाल की खाड़ी में भेजा गया। रूस ने न्यूक्लियर सबमरीन तैनात की। भारत-अमेरिका संबंध में तनाव बढ़ा। भारत ने रूस की मदद से जीत हासिल की। यह युद्ध भारत की कूटनीतिक ताकत को दिखाता है।

1974: पहला परमाणु परीक्षण

1974 में भारत के परमाणु परीक्षण ने अमेरिका को चौंकाया। अमेरिका ने परमाणु सामग्री की आपूर्ति रोकी। कई प्रतिबंध लगाए गए। भारत ने दबाव में झुकने से इनकार किया। भारत-अमेरिका संबंध में कड़वाहट आई। भारत ने स्वदेशी तकनीक विकसित की। वैकल्पिक साझेदारियां बनाईं। भारत की परमाणु नीति दृढ़ रही। इसने राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दी। अमेरिका को बाद में अपनी नीति बदलनी पड़ी।

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1998: पोखरण-II परीक्षण

1998 में पोखरण-II परमाणु परीक्षण से अमेरिका हैरान रहा। उसने ग्लेन संशोधन के तहत प्रतिबंध लगाए। पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर दिया। भारत ने प्रतिबंधों का सामना किया। भारत-अमेरिका संबंध तनावपूर्ण रहे। भारत ने अन्य देशों से संबंध मजबूत किए। कुछ महीनों में अमेरिका ने प्रतिबंध हटाए। भारत की कूटनीति ने इसे बड़ी शक्ति के रूप में स्थापित किया।

2005: परमाणु समझौता

2005 में भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता हुआ। अमेरिका ने इसके लिए अपने संविधान में संशोधन किया। भारत ने एनपीटी पर हस्ताक्षर किए बिना यह हासिल किया। भारत-अमेरिका संबंध में यह मील का पत्थर था। भारत की कूटनीतिक जीत ने इसे प्राथमिकता सूची में लाया। इस समझौते ने दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाया। भारत ने अपनी रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखी। यह वैश्विक मंच पर बड़ी उपलब्धि थी।

2016: डब्ल्यूटीओ में जीत

2016 में भारत ने डब्ल्यूटीओ में अमेरिकी एच-1B वीजा नीतियों को चुनौती दी। भारत ने अपने आईटी प्रोफेशनल्स के हितों की रक्षा की। अमेरिका यह केस हार गया। भारत-अमेरिका संबंध में भारत ने अपनी स्थिति मजबूत की। यह भारत की वैश्विक व्यापार मंच पर ताकत को दर्शाता है। भारत ने दिखाया कि वह आर्थिक हितों की रक्षा के लिए दृढ़ है। इसने दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव को उजागर किया।

2020: कोविड-19 वैक्सीन आपूर्ति

कोविड-19 के दौरान भारत ने वैश्विक वैक्सीन आपूर्ति सुनिश्चित की। ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ की। भारत ने अमेरिकी निर्यात प्रतिबंध हटवाए। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति की। ब्राजील के राष्ट्रपति ने इसे संजीवनी से तुलना की। भारत-अमेरिका संबंध में यह सकारात्मक कदम था। भारत ने वैश्विक स्वास्थ्य संकट में नेतृत्व दिखाया। यह भारत की वैक्सीन कूटनीति की जीत थी।

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2022: तेल आयात

2022 में भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद रूस और ईरान से तेल आयात जारी रखा। भारत ने अपनी ऊर्जा जरूरतों को प्राथमिकता दी। भारत-अमेरिका संबंध में यह स्वायत्तता का प्रतीक था। भारत ने साफ किया कि वह अपनी नीतियों पर अडिग है। अमेरिका ने दबाव बनाया, लेकिन भारत ने वैकल्पिक रास्ते चुने। यह भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता को दर्शाता है।

एस-400 मिसाइल खरीद

भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदा। अमेरिका ने काट्सा प्रतिबंधों की धमकी दी। भारत ने डील पूरी की। भारत-अमेरिका संबंध में तनाव बढ़ा। भारत ने रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखी। सुदर्शन चक्र की ताकत ने भारत की सैन्य क्षमता दिखाई। अमेरिका की धमकियां बेअसर रहीं। भारत ने अपनी रक्षा जरूरतों को प्राथमिकता दी। यह भारत की कूटनीतिक जीत थी।

2025: ट्रंप का टैरिफ

ट्रंप ने 25% टैरिफ की घोषणा की, जो 7 अगस्त से लागू होगा। भारत ने ट्रंप की शर्तें नहीं मानीं। पीएम मोदी ने संयम बरता। भारत-अमेरिका संबंध में तनाव बढ़ा। भारत ने पहले भी अमेरिकी दबाव का जवाब दिया है। ट्रंप के बयानों में असंगति दिखती है। भारत अपनी रणनीति पर अडिग है। यह घटना भारत की कूटनीतिक ताकत को फिर उजागर करती है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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