Delhi News: भारत रूस संबंध एक नई ऊंचाई पर पहुँच गए हैं. सोमवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं पालम एयरपोर्ट पहुँचकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत किया. यह कूटनीतिक रूप से एक बेहद महत्वपूर्ण कदम है. पिछले एक दशक में ऐसा बहुत कम हुआ है कि PM मोदी ने किसी विदेशी शीर्ष नेता को रिसीव किया हो. यह पहल न केवल पुतिन के प्रति व्यक्तिगत सद्भाव दर्शाती है, बल्कि दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक विश्वास को भी मजबूत करती है.
पारंपरिक रिश्तों से आगे बढ़ेगी साझेदारी
राष्ट्रपति पुतिन के पहुँचते ही PM मोदी ने उनसे हाथ मिलाया. इसके बाद दोनों नेता एक ही कार से लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास के लिए रवाना हुए. वहाँ उनके बीच एक विशेष प्राइवेट डिनर निर्धारित है. इस दौरे से भारत और रूस के बीच पारंपरिक सैन्य और सामरिक रिश्तों से आगे बढ़कर आर्थिक सहयोग के नए द्वार खुलने की उम्मीद है. ऊर्जा, व्यापार, नई तकनीक, रक्षा उत्पादन और परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण समझौतों पर चर्चा हो सकती है.
अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में हलचल तेज
अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में इस मुलाकात को लेकर हलचल तेज है. रूस-यूक्रेन संकट के बीच भारत रूस संबंध कई वैश्विक रणनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है. अमेरिका और पश्चिमी देशों की नज़र इस दौरे पर टिकी हुई है. वहीं, पाकिस्तान जैसे देश इस बढ़ते सहयोग से स्पष्ट तौर पर चिंतित हैं. भारत की ‘मल्टी-वेक्टर फॉरेन पॉलिसी’ दर्शाती है कि नई दिल्ली स्वतंत्र रणनीतिक फैसले लेने के लिए दृढ़ है.
ऊर्जा और व्यापार पर फोकस
प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल भारत की वैश्विक भूमिका को मजबूत करेगी. दोनों नेताओं की वार्ता से ऊर्जा सुरक्षा और आपसी व्यापार को बढ़ाने पर खास ध्यान दिया जाएगा. इसके अलावा, भारत रूस संबंध रक्षा उत्पादन में संयुक्त सहयोग और ग्लोबल साउथ के मुद्दों पर साझा रणनीति को भी बल मिलने की उम्मीद है.
